मुंबई: अफगानिस्तान पर तालिबान राज के बाद महिलाओं और बच्चों पर अन्याय की इंतहा होने लगी है। लोग अफगानिस्तान को छोड़कर भाग रहे हैं।
पूरी दुनिया में इसकी आलोचना हो रही है। लेकिन भारत में एक वर्ग तालिबान के शासन की सराहना कर रहा है, जिसकी बॉलीवुड के अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने आलोचना की है।
नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान का समर्थन करने वाले भारतीय मुस्लिमों पर निशाना साधा हैं। नसीरुद्दीन शाह ने एक वीडियो जारी किया है।
इसमें उन्होंने भारतीय इस्लाम और दुनिया के बाकी हिस्सों के इस्लाम के बीच में अंतर भी बताया है।
इस वीडियो में वह कहते हैं, ‘अफगानिस्तान पर तालिबान का दोबारा कब्जा कर लेना पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है।’
भारतीय मुस्लिम अपने मजहब में सुधार चाहते हैं या पिछली सदियों जैसे वहशीपन के साथ जीना चाहते हैं? शाह ने कहा, हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, लेकिन भारतीय मुसलमानों के एक तबके का इस बर्बरता को लेकर जश्न मानना भी कम खतरनाक नहीं है।
नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘हिंदुस्तानी इस्लाम दुनिया भर के इस्लाम से हमेशा अलग रहा है, और खुदा वो वक्त न लाए कि वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।
आज हिंदुस्तानी मुसलमानों को अपने आप से सवाल पूछा जाना चाहिए कि इस्लाम में रिफॉर्म और मॉडर्निटी चाहिए या पिछली सदी का वहशीपन? मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं।
नसीरुद्दीन शाह ने आखिरी में कहते हैं, ‘मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्जा गालिब ने एक अरसा पहले कहा था, मेरे भगवान के साथ मेरा रिश्ता अनौपचारिक है। मुझे सियासी मजहब की जरूरत नहीं है।’