रांची: रांची नगर निगम के अधिकारी सिर्फ कागजों पर सफाई से संबंधित कार्यों को दर्शाकर निजी एजेंसियों को फायदा पहुंचा रहे हैं। यह बात शनिवार को रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कही।
उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारी अपनी गलतियों को छिपाने की नीयत से समीक्षा बैठक से दूर भाग रहे हैं। उन्हें इस बात का भय है कि समीक्षा बैठक में उनकी पोल खुल जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान नगर आयुक्त की कार्यशैली शुरू से ही संदिग्ध रही है। उन्होंने कभी भी मेयर के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया।
वे न तो किसी विषय की जानकारी देना चाहते हैं और न ही आम लोगों की समस्या का समाधान करना चाहते हैं।
दरअसल, शनिवार की दोपहर दो बजे से मेयर आशा लकड़ा की अध्यक्षता में शहर की सफाई व्यवस्था की समीक्षा बैठक आहुत की गई थी। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी बहाना बनाते रहे कि वे नगर आयुक्त मुकेश कुमार के साथ फील्ड विजिट पर हैं।
मेयर ने कहा कि बैठक की सूचना पूर्व में नगर आयुक्त समेत संबंधित अधिकारियों को दे दी गई थी।
ऐसे में समीक्षा बैठक के निर्धारित समय पर यह जानकारी देना कि बैठक में शामिल होने वाले सभी अधिकारी नगर आयुक्त के साथ फील्ड विजिट पर है, समझ से परे है।
मेयर ने कहा कि पिछले छह माह से जब-जब मेयर की ओर से नगर आयुक्त को बैठक आहुत करने का निर्देश दिया गया, तब-तब निगम के अधिकारी कुछ न कुछ बहाना बनाते रहे। इन दिनों शहर के लोग गंदगी से परेशान हैं।
वार्ड स्तर पर नियमित रूप से डोर टू डोर कूड़ा का उठाव नहीं किया जा रहा है। शहर के कई इलाकों में गंदगी फैली हुई है।
अधिकांश वार्ड पार्षद भी शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल कर रहे हैं। रांची नगर निगम के अधिकारी न तो कोई जानकारी दे रहे हैं और न ही शहर की सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
मेयर की अध्यक्षता में आहुत समीक्षा बैठक से दूरी बनाकर संबंधित अधिकारियों ने खुद अपनी अकर्मण्यता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि शहर की सफाई एवं स्वच्छता पर प्रतिमाह करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
सफाई कार्य के लिए संसाधन भी उपलब्ध हैं। फिर भी सफाई क्यों नही हो पा रही है।
सफाई के नाम पर हर माह करोड़ों रुपये कहां फूंके जा रहे हैं। यदि रांची नगर निगम के अधिकारी ईमानदारी से अपने कार्यों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो समीक्षा बैठक में शामिल होने से परहेज क्यों कर रहे हैं।