कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मांग की कि केंद्र सरकार को जनविरोधी कृषि कानूनों को तुरंत वापस ले लेना चाहिए या फिर इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को किसानों के अधिकारों को नष्ट करके सत्ता में नहीं रहना चाहिए।
ममता ने मिदनापुर कॉलेज ग्राउंड में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा सरकार को तुरंत कृषि विधेयकों को वापस लेना चाहिए या फिर केंद्र की सत्ता से हट जाना चाहिए। किसानों के अधिकारों को नष्ट करने के बाद भी सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
ममता जिस मंच से भाषण दे रही थीं, वहां सब्जियां भी रखी हुई थीं।
सिंगूर में टाटा मोटर्स की नैनो कार फैक्ट्री के लिए जबरन खेती की जमीन के अधिग्रहण पर साल 2006 में अपनी 26 दिनों की लंबी भूख हड़ताल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मैं सिंगूर को नहीं भूली हूं, नंदीग्राम को नहीं भूली हूं। किसानों को मेरा पूरा समर्थन है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह चुप रहने या भाजपा के कुशासन के खिलाफ चुप्पी साधने के बजाय जेल में रहना पसंद करेंगी।
ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए उसे बाहरी लोगों की पार्टी बताया। उन्होंने कहा, मैं कभी भी भगवा खेमे को बंगाल पर नियंत्रण करने की अनुमति नहीं दूंगी। मैं बंगाल के लोगों से बाहरी लोगों द्वारा इस तरह के किसी भी प्रयास का विरोध करने की अपील करती हूं।
उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस एक बार फिर लगातार तीसरी बार सत्ता में आती है, तो उनकी सरकार मुफ्त राशन देना जारी रखेगी।
ममता की रैली का आयोजन मिदनापुर शहर में उस समय किया गया, जब उनकी पार्टी और राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी के बीच अनबन चल रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा उनकी पार्टी के प्रतिनिधियों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, तृणमूल कांग्रेस ईमानदार लोगों की एक राजनीतिक पार्टी है। हम भाजपा की तरह नहीं हैं, जो विभिन्न राज्यों में विपक्षी-संचालित सरकारों को गिराने के लिए अपने धनबल का उपयोग कर रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारी के अगले कदम पर लगाई जा रही अटकलों के बीच कहा, भाजपा सभी विपक्षी दलों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। जो भ्रष्ट हैं, वे अब भाजपा के खेमे में शामिल हो रहे हैं।
ममता ने यह भी आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थकों ने भी पाला बदल लिया है और वे अब बंगाल में भाजपा के साथ काम कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है।