लंदन: कोरोना वायरस महामारी के कारण दूसरे रोगों से सबंधित सर्जरी पर खासा असर पड़ा है।
एक रिसर्च के मुताबिक, साल 2020 में बीते साल की तुलना में ऑर्गन ट्रांसप्लांट यानि अंग प्रत्यर्पण में 31 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है।
पेरिस की एक रिसर्च टीम ने 22 देशों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो पाया कि कुछ देशों में तो ऑर्गन ट्रांसप्लांट 90 प्रतिशत तक कम हुआ है।
इसमें सबसे ज्यादा कमी जो लगभग सभी देशों में देखी गई वो किडनी ट्रांसप्लांट के मामलों में थी।
कोरोना की वजह से भारत में भी ऑर्गन डोनेट (अंग दान) करने वालों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली है।
पश्चिमी देशों और कुछ एशियाई देशों की तुलना में भारत में अंग दान करने वालों की संख्या कम है।
अब भारत में अंग दान करने की कितनी जरूरत है ये भी जान लीजिए, नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार भारत में हर साल पांच लाख लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन कराने की जरूरत होती है लेकिन यहां पर मरने के बाद अंग दान करने वालों की दर प्रति 10 लाख 0.34 है, जो कि दुनिया में सबसे कम है.
जीवित और मृत लोगों के अंग दान की कुल दर प्रति 10 लाख सिर्फ 0.52 है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अध्ययनकर्ताओं ने हर देश में कोविड-19 संक्रमण के 100 मामले सामने आने के बाद अंग प्रत्यारोपण की संख्या पर गौर किया।
उसकी तुलना उसके पहले के साल में हुए अंग प्रत्यारोपण ऑपरेशनों से की गई। इससे उन तमाम देशों में एक जैसा रूझान नजर आया।
रिसर्च करने वालों का दावा है कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट में आई इस कमी के कारण रोगियों को 48 हजार साल लाइफ का नुकसान हुआ है।
मतलब अगर ये ऑर्गन ट्रांसप्लांट होते तो इन सभी रोगियों की लाइफ में जो भी साल जुड़ते उनका टोटल कुल 48 हजार साल होता।