चंडीगढ़: विभिन्न किसान संगठनों के कार्यकतार्ओं ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा में नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ये कानून उनकी आजीविका को खत्म कर देंगे।
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक हिंसा की कोई सूचना नहीं थी।
यहां तक कि दोनों राज्यों के अधिकांश प्रमुख शहरों के दुकानदारों और पेट्रोल पंप मालिकों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं।
खबरों के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर जिले में वाहनों की आवाजाही रोकने की कोशिश की।
इसके अलावा पंजाब में लाखों सरकारी कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से अवकाश पर जाने का फैसला किया है, वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अपने सभी संस्थानों को पूरे दिन के लिए बंद रखा।
किसान संघों ने रेल यातायात को अवरुद्ध करने के अलावा राज्य में 60 जगहों पर धरना देने की घोषणा की। कुछ राजमार्गों और सड़कों को भी बंद कर दिया गया था। चंडीगढ़ और उसके आसपास का यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
पड़ोसी राज्य हरियाणा के हिसार, रोहतक, सोनीपत और अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने मंगलवार के विरोध को देखते हुए एहतियात के तौर पर राज्य भर में सुरक्षा बंदोबस्त चुस्त रखने का आदेश दिया है।