रामगढ़: रामगढ़ जिले में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों के उत्थान के लिए कई अहम प्रयोग किए हैं।
जिसका नतीजा है कि रामगढ़ के किसान टमाटर, शकरकंद, मशरूम, तरबूज और बैंगन की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
यह बात गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित चतुर्थ वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में प्रधान शोध केंद्र, प्लांडू, रांची के डॉक्टर ए के सिंह ने कही।
उन्होंने केन्द्र की स्थापना से लेकर चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया।
साथ ही पिछले दो वर्षो में किसानों को नई तकनीकी टूल्स जैसे वाट्सअप, वीडियो, आडियो एवं आनलाइन के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र की उपलब्धियों के बारे में प्रभारी डा. दुष्यन्त कुमार राघव ने बताया कि केन्द्र के वैज्ञानिकों ने जिले में टमाटर एवं शकरकन्द की खेती में सुक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, बैंगन एवं टमाटर में कीट प्रबंधन एवं मशरूम, प्लास्टिक मल्चिंग विधि से खेती के प्रशिक्षण के लिए शोध प्रणाली पर परीक्षण परिणाम प्रस्तुत किये गए।
इससे जिले के किसानों को इन फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन एवं कीट प्रबंधन प्रशिक्षण प्रणाली पर अनुशंसा कि जा सकेगी।
जिले में उन्नत प्रजाति के फलदार वृक्षों कि उलब्धता बढ़ाने हेतु हाईटेक नर्सरी की स्थापना होगी।
इसके माध्यम से रामगढ़ जिले एवं आस-पास के किसानों को गुणवत्तायुक्त फल एवं सब्जी के पौधे उपलब्ध हो सकेगें।
अटारी निदेशक डा अंजनी कुमार ने कहा कि किसान एवं किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से उत्पादन किये जाने वाले सब्जियों के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन पर जोर दिया जायेगा।
युवा किसानों को खेती की ओर आकर्षित करने के लिए सघन खेती तकनीक एवं जलवायु अनुकूल फसल प्रणाली, बायोफोर्टिफाइड किस्मों को कृषि प्रणाली में अपनाने के लिए किसानों को कहा गया।
प्रसार शिक्षा, बी.ए.यू. के निदेशक डा. जगन्नाथ उरांव ने अधिक से अधिक किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र में भ्रमण करने की बात कही।
भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. के.के. शर्मा ने किसानो को मिश्रित खेती करने पर जोर दिया।
डा अभय कुमार ने धान कटनी के बाद धान वाले खेत में किसानों का सरसों के उत्पादन करने की सलाह दी।
जिला कृषि पदाधिकारी राजेन्द्र किशोर ने प्रगतिशील कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बताई गई तकनीकों के माध्यम से खेती करने के लिए किसानों को कहा।
नाबार्ड के डीडीएम उपेंद्र शाह ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसान संगठित होकर विपणन की समस्या का हल कर सकते हैं।
क्षेत्रीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य अमरेन्द्र कुमार गुप्ता ने जिले में पपीता एवं शरीफा के उत्पादन की बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के खुल जाने से यहां सब्जियों एवं फलों के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई है। जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज ठाकुर ने खेती के साथ-साथ मछली उत्पादन पर जोर दिया।