रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को मानसून सत्र के समापन भाषण में कहा कि महीने भर बाद बड़े पैमाने पर नियुक्तियां होंगी। पहली बार नियुक्ति नियमावली बनायी गयी है।
राज्य सरकार झारखंड को मजबूत करने की नींव डाल रही है, अब आगे परेशानी नहीं होगी। नियुक्तियों पर लगातार काम हो रहा है।मुख्यमंत्री के निशाने पर भाजपा रही।
उन्होंने कहा कि सत्ता के बिना भाजपा की हालत पानी के बिना मछली के जैसी है। भाजपा येन-केन प्रकारेण सत्ता हथियाना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को सदन नहीं बल्कि, जनता जवाब देती है। अभी बंगाल चुनाव में जनता ने इन्हें जवाब दे दिया है। यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है।
लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता इन्हें सबक सिखाने में लगी है। भाजपा जनता की सेवा क्या करेगी, यह तो विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र के पास झारखंड का करोड़ों रुपये बकाया है।
केंद्र नहीं दे रहा है। हमारा पैसा तो केंद्र नहीं दे रहा है लेकिन हमारे खाते से हजारों करोड़ बिना बताये काट ले रहा है। यह असंवैधानिक है।
हम निर्णय कर सकते हैं और यदि निर्णय किया तो केंद्र सरकार अंधेरे में चल जायेगी। हम ऐसा नहीं करेंगे। देश हित में कोई काला कानून नहीं ला सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजन में भाषा को लेकर विपक्ष विवाद खड़ा कर रहा है। नियोजन नीति में भाषा को समाहित करना गैर कानूनी नहीं है।
क्या भाषा हमारी संस्कृति नहीं है। क्या भाषा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।पूर्व की सरकार ने भाषा को बढ़ावा नहीं दिया। खतियान धारी लोगों और आदिवासियों की संख्या घाटी है।
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम भाषा को संरक्षित कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हर संभव यहां के लोगों को नियोजित किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी सत्र में सरकार ने निजी क्षेत्रों में 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून बनाया है लेकिन इस कानून के बाद भी हमें लड़ाई लड़नी होगी। इन वर्ग के लोगों को और ताकत इकट्ठा करनी होगी।