कोडरमा: कृषि क़ानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान संगठनों के आह्वान पर देशव्यापी भारत बंद का कोडरमा जिला की राजनीतिक केंद्र झुमरीतिलैया शहर में असर देखा गया।
यहां कुछ घण्टे के लिए बाजार व दुकान बंद रहे, लम्बी दूरी के वाहन नहीं चलने के कारण सड़के सुनसान दिखी। वहीं जिले के अन्य इलाकों में आज के बंद का असर नहीं देखा गया, हांलाकि वाहनों की आवाजाही कुछ कम रही।
झुमरीतिलैया में सुबह से ही बंद समर्थक वामपंथी दलों व विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्त्ता लाल, हरा व तिरंगा झंडा हाथों मे लिए शहर के सड़कों पर नारे लगाते हुए बाजार दुकान बंद कराते दिखने लगे थे।
वाम व विपक्षी दलों का मुख्य जुलूस कला मंदिर से निकाला गया जो पुराना नगरपालिका, रेलवे स्टेशन, ओवरब्रिज, झंडा चौक, पूर्णिमा टॉकीज, सामन्तो पेट्रोल पंप होते हुए महाराणा प्रताप चौक पहुंचकर चक्का जाम में तब्दील हो गया।
जुलूस में रोटी बचाओ मोदी भगाओ, खेती किसानी का निजीकरण बंद करो, किसानों को गुलाम बनाने की साजिश नहीं चलेगा, भाजपा सरकार मुर्दाबाद आदि नारे लगाये जा रहे थे।
जाम स्थल पर जिप सदस्य महादेव राम की अध्यक्षता में हुई सभा को सीपीएम राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान, किसान सभा के असीम सरकार, सीपीआई जिलामंत्री प्रकाश रजक, झामुमो नेता श्यामदेव यादव ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मजदूर किसान विरोधी है।
दिल्ली के सीमाओं पर कृषि क्षेत्र में तीन काला कानून को वापस लेने के खिलाफ लड़ रहे किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार, उस पर पानी के बौछार और आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं।
केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।
पंजाब एवं हरियाणा के किसानों का संघर्ष जो अब दिल्ली के सीमा पर आ गया है और यह एक ऐतिहासिक संघर्ष का रुप ले चुका है। जब तक काला क़ानून वापस नहीं लिया जायेगा किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।