रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा प्रहार किया है।
प्रकाश ने सोमवार को कहा कि सरकारी विद्यालयों पर राज्य के वित्तमंत्री का बयान राज्य की शिक्षा व्यवस्था एवं कार्य में लगे शिक्षकों का अपमान है।
राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जिम्मेवारी है लेकिन यह सरकार अपनी जिम्मेवारियों से भागना चाहती है।
शिक्षकों पर दोषारोपण करके राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रही।
उन्होंने कहा कि शिक्षा राज्य सूची का विषय है। राज्य के सरकारी विद्यालयों में उच्च स्तरीय, गुणवत्तापूर्ण, शिक्षा व्यवस्था हो, बुनियादी ढांचा सुदृढ हो, विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति कर पद भरे जाएं, शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य में न लगाया जाए, सुविधायुक्त पदस्थापन हो, ये सारे कार्यों को करने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है लेकिन यह सरकार जिम्मेवारियों से मुंह मोड़ रही। इनकी चुनाव पूर्व घोषणाएं ठंडे बस्ते में चले गए।
दीपक प्रकाश ने कहा कि इससे सरकार की नीति और नियत स्पष्ट झलक रही है। एक तरफ वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव सरकारी स्कूलों की शिक्षा को कोस रहे।
दूसरी ओर मदरसा के अनुदान के लिये नियमों को संशोधित करने की बात कर रहे।
राज्य सरकार के गठबंधन दलों में वोट बैंक और तुष्टिकरण की होड़ लगी है। सरकार अंतर्विरोधों से घिरी है।
शिक्षा विभाग झामुमो के कोटे में है। इसलिये झामुमो को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के बयान पर स्थित स्पष्ट करनी चाहिये।
दीपक प्रकाश ने पत्रकार बैजनाथ महतो पर हुए प्राणघातक हमले की कठोर निंदा की।
प्रकाश ने अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार कर कठोर सजा दिलाने की मांग की।
साथ ही सरकार से मांग की महतो को हर जरूरी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए। प्रकाश ने कहा कि इस सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है।
राज्य की पुलिस केवल सरकार के इशारे पर काम करना ही अपनी जिम्मेवारी समझती है, जबकि आम आदमी की सुरक्षा पुलिस प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिये।