खूंटी: केंद्र सरकार के कथित किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आहूत और विपक्ष के 24 राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित भारत बंद का खूंटी जिले में व्यापक असर रहा।
मंगलवार को सुबह से दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में ताले लटके रहे। सभी तरह के यात्री और व्यवसायिक वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा। इसके कारण जिले की सभी प्रमुख सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
पेट्रोल पंप से लेकर होटल और चाय-पान की गुमटियां तक बंद रहीं। वाहनों के नहीं चलने के कारण रांची-खूंटी, सिमडेगा, चाईबासा, कर्रा सहित अन्य क्षेत्र में लोगों को परेशानी हुई।
हालांकि बंद का अह्वान पहले कर दिये जाने के कारण अधिकतर लोगों ने घरों में ही रहने में भलाई समझी । जिला मुख्यालय में तो बैक खुले रहे, पर ग्रामीण इलाकों में बैंक और पोस्ट ऑफिस बंद रहे।
सरकारी कार्यालय खुले रहे, पर उपस्थिति अपेक्षाकृत कम रही। खूंटी न्यायालय में भी लोगों की भीड़ कम रही।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जगह-जगह पर पुलिस की तैनाती की गयी थी। जिला मुख्यालय के अलावा तोरपा, कर्रा, रनिया, अड़की और मुरहू प्रखंड में भी बंद का पूरा असर देख गया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निकाली रैली
बंद के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष रामकृष्णा चौधरी के नेतृत्व में मंगलवार को रैली निकाली और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कांग्रेस कार्यकर्ता कथित किसान विरोधी कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे। रैली में पूर्व विधायक काली चरण मुंडा, प्रवक्ता ओम प्रकाश मिश्र, जिला सचिव सयूम अंसारी सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।