रांची: राज्य के पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली तैयार हो गई है। राज्य के पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली बिहार के नियोजित शिक्षकों की तर्ज पर तैयार की गई सेवा शर्त नियमावली के प्रस्ताव को कुछ दिनों में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को सौंपा जाएगा।
शिक्षा मंत्री के अध्ययन के बाद इसे पारा शिक्षक संगठनों को देखने के लिए दिया जाएगा।
इसमें अगर कोई कमी होगी या फिर बिहार की नियमावली से कुछ छूट गया होगा तो उनके सुझाव लिए जाएंगे।
इसके लिए उन्हें दो सप्ताह तक का समय दिया जा सकता है। इन सुझावों को नियमावली के प्रस्ताव में अंतिम रूप से रखने के बाद उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट की सहमति के बाद इसे राज्य में लागू किया जाएगा।
11 हजार टेट पास पारा शिक्षकों को जहां इस नियमावली के लागू होने के साथ फायदा मिलेगा
राज्य के करीब 11 हजार टेट पास पारा शिक्षकों को जहां इस नियमावली के लागू होने के साथ फायदा मिलेगा, वहीं अन्य पारा शिक्षकों को वेतनमान के लिए सीमित परीक्षा देनी होगी।
वेतनमान पाने के लिए ऐसे पारा शिक्षकों को तीन मौके दिए जाएंगे। अगर तीनों मौकों में पारा शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा, बल्कि पारा शिक्षक के रूप में मिल रहे मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
प्रस्ताव में बिहार की तर्ज पर सीमित परीक्षा में 45 फीसदी अंक लाने पर सामान्य अभ्यर्थी क्वालीफाई कर जाएंगे जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 40 फ़ीसदी अंक निर्धारित किया गया है।
शिक्षक पात्रता पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को सीधे इसका लाभ मिल सकेगा
शिक्षा विभाग की ओर से तैयार पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली के प्रस्ताव में पारा शिक्षकों को 5200 से 20200 का वेतनमान और 2000 व 2400 का ग्रेड पे देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
पहली से पांचवीं के पारा शिक्षकों को 2000 का ग्रेड पे, जबकि छठी से आठवीं के पारा शिक्षकों को 2400 का ग्रेड पे मिलेगा।
वेतनमान लागू होने पर शिक्षक पात्रता पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को सीधे इसका लाभ मिल सकेगा।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा मंत्री के इस प्रयास पर खुशी जताया
बता दें कि राज्य में 60 हजार से ज्यादा पारा शिक्षक हैं, और स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर पारा शिक्षक समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं।
ऐसे में राज्य के शिक्षा मंत्री और पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में बिहार की तर्ज पर आकलन परीक्षा लेकर पारा शिक्षकों को नियोजित करने पर सहमति बनी थी।
शिक्षा विभाग का प्रभार मिलते ही शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पारा शिक्षकों की समस्या को दूर करने में जुट गये हैं।
इस मसले का जल्द समाधान निकालने का निर्देश दिया। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा मंत्री के इस प्रयास पर खुशी जताया।
मोर्चा ने कहा कि राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों का 18 वर्षों का बनवास अब समाप्त होने वाला है। शिक्षा मंत्री ने उनकी सालों पुरानी इस मांग को पूरा करने में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इसके लिए पारा शिक्षक उनके आभारी रहेंगे।