नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दबाव में चल रहे दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज के तौर पर बुधवार को कई घोषणाएं की हैं।
इसमें स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देना भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को टेलीकॉम क्षेत्र के लिए संरचनात्मक और प्रक्रियागत सुधारों सहित दूरसंचार कंपनियों की देनदारियों को निपटाने की क्षमता में सुधार के उपायों को मंजूरी प्रदान की।
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि इनसे दबाव में चल रहे क्षेत्र में नौकरियां बचेंगी और बढ़ेंगी, नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी, अधिक पूंजी व निवेश बढ़ेगा और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं पर नियामक बोझ कम होगा।
सरकार ने कहा है कि कोविड-19 की चुनौतियां का सामना करने में दूरसंचार क्षेत्र ने उत्कृष्ट योगदान दिया है।
ऑनलाइन शिक्षा, घर से काम, सोशल मीडिया के माध्यम से आपस में जोड़ना, वर्चुअल माध्यम से बैठक करना इन सब की पृष्ठभूमि में इन उपायों से ब्रॉडबैंड और दूरसंचार कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
संरचनात्मक सुधारों के तहत निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए स्वतः मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति होगी।
भविष्य में होने वाली नीलामी में स्पेक्ट्रम की अवधि को 20 से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दिया गया है।
10 वर्षों के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर किया जा सकता है। भविष्य में नीलामी से प्राप्त स्पेक्ट्रम पर कोई स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क नहीं देना होगा।
स्पेक्ट्रम की साझेदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त एसयूसी को हटाया जाएगा।
दूरसंचार के अतिरिक्त प्राप्त होने वाले राजस्व को सकल राजस्व की परिभाषा से बाहर किया जाएगा।
बैंक गारंटी को युक्तिसंगत बनाया जाएगा। ब्याज की दरों को भी युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
प्रक्रियात्मक सुधार के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में ही स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी।
वायरलेस उपकरण आयात से जुड़े 1953 की सीमा शुल्क अधिसूचना के तहत आयात लाइसेंस की दुष्कर आवश्यकता को हटा दिया गया है।
इसके स्थान पर स्वतः घोषणा करना होगी। केवाईसी नियमों में भी सुधार किया गए हैं जो ऐप आधारित होंगी। ई-केवाईसी की दर को एक रुपये कर दिया गया है।
प्रीपेड से पोस्टपेड और वापस प्रीपेड में आने के लिए दोबारा केवाईसी की जरूरत नहीं होगी। कागजी ग्राहक अधिग्रहण फार्म अब डिजिटल स्टोरेज में बदल दिया जाएगा।
देनदारियों के निपटान की समस्या से गुजर रहे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के फैसले से उत्पन्न होने वाले देय राशि के वार्षिक भुगतान में चार साल तक की मोहलत दी जाएगी।
पिछली नीलामियों (2021 की नीलामी को छोड़कर) में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के देय भुगतान पर शुद्ध वर्तमान मूल्य के संगत नीलामी में नियत ब्याज दर पर रक्षण के साथ चार साल तक की मोहलत होगी।
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को भुगतान के उक्त आस्थगन के कारण उत्पन्न होने वाली ब्याज राशि को इक्विटी के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प दिया जाएगा।