रांची: उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि राज्य में नए निवेश को बढ़ावा देने के साथ वैसे निवेशक जो पहले से झारखंड में निवेश किए हुए हैं, उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
झारखंड में निवेशकों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से राज्य में नई औद्योगिक एवं प्रोत्साहन नीति बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी निवेशकों के आवेदन को ससमय निष्पादित किया जाय।
राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिये लंबित आवेदनों को खत्म करना विभाग और सरकार की प्राथमिकता है।
पूजा सिंघल गुरूवार को होटल रेडिशन ब्लू में झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स और झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं।
उन्होंने उद्यमियों को भरोसा दिलाया है कि मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश में राज्य के श्रम, उद्योग की नीतियों में व्यापक बदलाव किये गये हैं।
सरकार जल्द ही रूरल इंडस्ट्रीज पॉलिसी भी तैयार करेगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमियों को किसी भी प्रकार के उद्योग स्थापित करने से संबंधित समस्या न हो इसके लिये प्रत्येक माह संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ वह समीक्षा करेंगी और उस समीक्षा बैठक में उद्यमी भी शामिल हो सकेंगे।
उद्योग सचिव ने विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि लंबित आवेदनों का निष्पादन अवलिंब सुनिश्चित करें।
फॉरेस्ट क्लीयरेंस के साथ-साथ प्रदूषण अनापत्ति प्रमाण के लंबित आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित किया जाये।
जल्द ही झारखंड इंडस्ट्रीज प्रमोशन सोसाईटी बनाई जायेगी जिसके माध्यम से उद्यमियों को होने वाली समस्याओं का निष्पादन ससमय हो सकेगा।
उन्होंने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि ओरमांझी, देवघर और धनबाद में इंडस्ट्रीयल एरिया अधिसूचित कर लिया गया है तथा उसके लिये जमीन भी उपलब्ध है।
सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। उद्योगों की स्थापना के लिये उद्यमियों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ें।
राज्य में बंद पड़े अथवा कमजोर उद्योंगों को पुनर्जीवित करने के लिये जल्द ही ऐसे उद्योगों को चिह्नित कर सूची तैयार की जायेगी तथा संभावित विकल्पों पर विचार किया जायेगा।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण छाबड़ा ने कहा कि सरकार का प्रयास सराहनीय है।
उद्योगों की स्थापना के लिये विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक में स्पष्ट और पारदर्शी तरीके से बात हुई जिससे यह साबित होता है कि विभाग एवं वर्तमान सरकार राज्य में उद्योगों की स्थापना को लेकर संवेदनशील है।
बैठक में उद्योग विभाग के निदेशक जितेन्द्र सिंह, झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव वाईके दास, मुख्य कारखाना निरीक्षक और वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों के अलावा झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के दीपक मारु, अजय भंडारी आदि उपस्थित थे।