नई दिल्ली: कोरोना वायरस के लड़ाई में वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार है। भारत में फिलहाल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है।
इस बीच कई विकसित देशों ने कोरोना के खिलाफ बूस्टर डोज देने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की कोई योजना नहीं है।
इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि पहली प्राथमिकता देश के सभी लोगों को पहली दो खुराक लगाए जाने की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत की प्राथमिकता सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज देने की है।
सरकार का लक्ष्य साल के अंत तक सभी का वैक्सीनेशन करना है। बूस्टर डोज इस समय वैज्ञानिक चर्चा में केंद्रीय विषय नहीं है।
कोविड-19 पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कई एजेंसियों ने सिफारिश की है कि एंटीबाडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि दोनों डोज का पूर्ण टीकाकरण आवश्यक है और इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘सरकार की वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल चर्चाओं में बूस्टर खुराक इस समय केंद्रीय विषय नहीं है। दो खुराक के साथ पूरी तरह से टीकाकरण करना प्रमुख प्राथमिकता है।’
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा भारत की 20 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक लग गई है और 62 प्रतिशत को कम से कम एक खुराक लग गई है।
99 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को पहली खुराक और 82 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों ने दोनों खुराक ले ली है।
उन्होंने कहा 100 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली खुराक दी गई है, जबकि 78 प्रतिशत को वैक्सीन की दोनों डोज दे दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना वैक्सीन की 77 करोड़ 24 लाख 25 हजार 744 डोज दी गई है।
देशभर में 58 करोड़ 26 लाख 6 हजार 905 लोग कम से कम एक डोज ले चुके हैं, जबकि 18 करोड़ 98 लाख 18 हजार 839 लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है।