नई दिल्ली: अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर राममंदिर के निर्माण के काम का पहला चरण पूरा हो गया है। इसका आधार अब पूरी तरह तैयार है। गर्भगृह के नीचं करीब 14 मीटर मोटी चट्टान ढाली गई है।
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि नींव कंक्रीट की है।
इसमें दो तरह के पत्थरों (कर्नाटक का ग्रेनाइट, मिर्जापुर का सेंडस्टोन) का इस्तेमाल किया गया है। एक ब्लॉक 16 घनफुट का है।
30 हजार ब्लॉक एक के ऊपर एक रखे जाएंगे। चंपत राय ने बताया कि इस वक्त नींव की भरपाई का काम अंतिम दौर में है।
उन्होंने बताया कि निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। दूसरे चरण का काम अगले दो महीने में पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भव्य राममंदिर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। डिजाइन के मुताबिक भव्य राम मंदिर तीन मंजिल का होगा।
गर्भ गृह में रामलला होंगे। दूसरे तल पर राम दरबार होगा। साढ़े छह एकड़ में मदिर का परकोटा बनाया जाएगा। दिसम्बर 2023 तक राम मंदिर बनकर तैयार हो सकता है। निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।
कंक्रीट की 48वीं परत से मंदिर की नींव भर दी गई है। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट मीडियाकर्मियों को निर्माण स्थल देखने के लिए आमंत्रित किया था।
निर्माण की शुरुआत में बात आई थी कि यहां की मिट्टी अस्थिर है। इस वजह से मंदिर की नींव का निर्माण काफी मजबूती से किया। 1,20,000 वर्ग फुट लंबी, चौड़ी और 50 फुट गहरी नींव खोदी गई।
इसके बाद उसे सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्रियों से भरा गया। ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि आधार तैयार हो गया।
अब ‘आफ्ट’ बनाया जाएगा। इसके बाद मिर्जापुर से लाए गए करीब चार लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थरों से चबूतरा बनाया जाएगा।
चबूतरे पर मंदिर का निर्माण किया जाएगा। महासचिव चंपत राय ने बताया कि राजस्थान से लाए गए 1 लाख वर्ग फुट उकेरे गये पत्थर यहां लगाये जाने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि बाहरी दीवारों के निर्माण के लिए विशेषज्ञों से विचार-विमर्श चल रहा है।