रांची: एनआईए (NIA) की विशेष कोर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली कुंदन पाहन की जमानत याचिका पर एक बार फिर सुनवाई टल गई है।
एनआईए कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन किसी कारणवश सुनवाई नहीं हो सकी।
उल्लेखनीय है कि न्यायिक हिरासत में बीते चार साल से जेल में रहने और सरकार के सरेंडर पॉलिसी के तहत आत्मसमर्पण करने का हवाला देते हुए कुंदन पाहन ने अपनी जमानत के लिए गुहार लगाई है।
पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या सहित कई घटनाओं को अंजाम देने का आरोपित कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन फिलहाल अभी ओपन जेल हजारीबाग में है।
कुंदन पाहन के अधिवक्ता ईश्वर दयाल किशोर के अनुसार कुंदन पाहन ने अपनी कस्टडी की अवधि को जमानत का आधार बनाया है। इसी को लेकर कुंदन पाहन ने न्यायालय से बेल देने की गुहार लगाई है।
कुंदन पाहन ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति प्रभावित होकर वर्ष 2017 में सरेंडर किया था।
उसके बाद जेल में रहकर कुंदन ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी। लेकिन चुनाव में जनता ने उन्हें नकार दिया था।
पांच करोड़ नकद सहित एक किलो सोने की लूट, स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के अलावा कुंदन पाहन के ऊपर कई मुकदमे दर्ज है।
कुंदन पाहन पर झारखंड पुलिस ने 15 लाख रुपया का इनाम रखा था। कुंदन ने 14 मई 2017 को तत्कालीन एडीजी आरके मल्लिक, डीआईजी एवी होमकर और एसएसपी कुलदीप त्रिवेदी के समक्ष सरेंडर किया था।