नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को भारत बंद के दौरान राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त देखने को मिले। दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर दिल्ली पुलिस व अर्द्धसैनिक जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ था।
ड्रोन के माध्यम से हर हलचल पर नजर रखी गई। वहीं, दिल्ली के मुख्य मार्गों और संसद भवन, पीएम हाउस, कृषि भवन, जंतर-मंतर की ओर आने वाले रास्तों पर भी पुलिस बल बैरिकेड्स लगाकर तैनात थे।
दिल्ली के सभी बड़े बाजारों में भी भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोस्त किए गए थे।
सुबह से ही लोकल पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों के जवान बाजारों में गश्त करते हुए नजर आए। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी लगातार हर हलचल पर पैनी नजर रखे हुए थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक भारत बंद के लिए दिल्ली पुलिस के 40 हजार जवानों के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया गया था।
चार घंटे बंद रहा दिल्ली-गाजियाबाद हाई-वे
किसान आंदोलन के चलते गाजियाबाद से दिल्ली आने वाला रास्ता बंद है लेकिन भारत बंद के दौरान मंगलवार को आंदोलन कारियों ने सुबह करीब 10:50 बजे दिल्ली से गाजियाबाद की ओर आने वाले हाई-वे एनएच-9 को बंद कर दिया जिसकी वजह से दिल्ली से गाजियाबाद, मेरठ व यूपी के आस-पास के इलाकों में जाने वालों को दिक्कतें पेश आईं।
आंदोलन कारियों ने दोपहर 2:45 बजे रास्ता खोला। इस तरह एनएच-9 करीब चार घंटे तक बंद रहा। मंगलवार को भी चिल्ला, टिकरी और सिंघु बार्डर पूरी तरह बंद रहे।
भारत बंद को लेकर किसानों ने राजधानी की सभी सीमाओं को बंद करने की चेतावनी दी थी। कुछ जगहों को छोड़कर बाकी बार्डर पर हालात सामान्य रहे।
किसान नेताओं ने सभी से अपील की थी कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा न करें। गाजीपुर, टिकरी व चिल्ला बार्डर पर किसान उग्र होकर नारेबाजी करते दिखे।
हिंसा फैलाने वालों को दी थी चेतावनी
स्पेशल सीपी (लॉ-एंड-ऑर्डर) सतीश गोलचा ने भारत बंद के दौरान सुबह ही चेतावनी दे दी थी कि अगर कोई किसी भी प्रकार की गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करता है तो दिल्ली पुलिस उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेगी और ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेगी।
यह पुलिस की सख्ती का ही असर रहा कि दिल्ली में कहीं भी किसी तरह की कोई हिंसक बात सामने नहीं आई और दिल्ली में सब कुछ पुलिस की चौकसी में सामान्य रूप से चलता रहा।