नई दिल्ली: देश में मॉब लिंचिंग (उन्मादी भीड़ की हिंसा) की बढ़ती घटनाएं, पुलिस हिरासत में युवाओं की मौत, आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में कई वर्ष तक जेल में रहने के बाद मामले से बरी होने वाले युवाओं की समस्याओं, सीएए और दिल्ली दंगों में फर्जी तरीके से फंसाए गए लोगों के मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश कौमी तंजीम के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में कौमी तंजीम के प्रदेश अध्यक्ष हिदायतुल्ला उर्फ जेंटल, वतन समाचार के संपादक मुहम्मद अहमद एवं एडवोकेट वसीम अहमद शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि जिस तरह से देशव्यापी स्तर पर मॉब लिंचिंग हो रही है और पुलिस हिरासत में युवकों की मौत हो रही है, वह शर्मनाक है।
केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने की जरूरत है ताकि लिंचिंग के दोषियों को सजा मिल सके और देश को बदनामी से बचाया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव पर सरकार को तुरंत अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से स्वतंत्रता के बाद से पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत बंद मस्जिदों में नमाज की अनुमति देने का आग्रह किया।
साथ ही इन मस्जिदों के रखरखाव में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है।
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पुलिस थानों के बजाए स्कूल और चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जाएं ताकि उनका कल्याण हो सके।
वक्फ भूमि की किराएदारी बाजार दर पर सुनिश्चित की जाए जो लोग बाजार दर पर किराया न दें, उनपर मुकदमा चलाया जाए।
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत पिछले 52 महीने से रुके लाखों शिक्षकों का वेतन जारी किया जाए और उन्हें हिंदी एवं संस्कृत के शिक्षकों के समान वेतन दिया जाए। राष्ट्रीय स्तर पर उर्दू के साथ न्याय किया जाए।
बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा दी जाए। सभी विश्वविद्यालयों में उर्दू से बीएड एमएड करने वाले बच्चों की सीटें बढ़ाई जाएं, जहां नहीं हैं वहां उर्दू से बीएड और एमएड का प्रावधान किया जाए। सांप्रदायिकता की आग भड़काने वाले नेताओं पर लगाम लगनी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग जैसे अपराध पर केंद्र सरकार गंभीर है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार समान अवसर आयोग को रिजेक्ट कर चुकी है, यह मुमकिन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हमने वक्फ संपत्तियों के रखरखाव के लिए कई नियुक्तियां की हैं और हम वक़्फ़ सर्विसेज के मामले में विचार कर रहे हैं।
यह उन युवाओं के लिए एक बड़ी समस्या है जो जेल में अपने अकारण पापों के लिए वर्षों की सजा काट कर अदालतों से निर्दोष होकर बाहर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सरकार से बात करेंगे और एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग पर विचार करेंगे।
नकवी ने कहा कि वह दिल्ली के अन्य विश्वविद्यालयों में बीएड और एमएड विभाग खोलने पर भी बात करेंगे ताकि देश और दिल्ली को उर्दू शिक्षक मिल सकें।
उन्होंने मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत नियुक्त शिक्षकों के मुद्दे पर कहा कि केंद्र सरकार ने अपना पैसा जारी कर दिया है और बिहार और उत्तर प्रदेश में समस्या है, जहां राज्य सरकारों ने पैसा जारी नहीं किया है, लेकिन हम उनसे बराबर संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग के नियंत्रण वाली मस्जिदों में नमाज अदा करने और उनकी साफ-सफाई पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। नकवी ने कहा कि उन्होंने तब्लीगी जमात के लोगों की काफी मदद की।
दूरियां और संवाद की कमी से कई समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए लोगों को संपर्क में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के मुद्दे को वह गंभीरता से ले रहे हैं।