चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सफाई में ट्विटर पर वीडियो जारी किया है।
उन्होंने कहा है कि यह कदम पंजाब सरकार में शामिल किए गए आरोपों से घिरे कुछ मंत्री और अधिकारियों की वजह से उठाया है।
सिद्धू ने वीडियो में कहा है- ‘प्यारे पंजाबियों, मैंने 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के साथ किया है।
पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति के ऊपर स्टैंड लेकर खड़े होना।
यही मेरा धर्म है और यही मेरा फर्ज है। मेरी आज तक किसी के साथ निजी लड़ाई नहीं रही। न ही मैंने निजी लड़ाइयां लड़ी हैं।
मेरी लड़ाई मुद्दे की है, मसले की है। और पंजाब के पक्ष में एक एजेंडे की है। पंजाब के पक्ष के लिए मैं हक-सच की लड़ाई लड़ता रहा हूं।
इसके साथ मैंने कोई समझौता नहीं किया और न ही कर सकता हूं… सिद्धू ने कहा कि मेरे पिता ने एक बात कही है कि जहां भी लड़ाई हो..सच का साथ दो…सच के रास्ते पर चलो। सिद्धू ने कहा के आजकल मैं देख रहा हूं कि मुद्दों के साथ समझौता हो रहा है…।
सिद्धू ने बादलों को घेरते हुए कहा है कि उन्हें क्लीट चिट दी जा रही है। इसके साथ ही जिसने ब्लैनकेट बेल दी, वो एडवोकेट जनरल है, मेरी रूह कांपती है, क्या एजेंडा है , जिन मसलों की बात हो रही है वो मसले कहां हैं।
सिद्धू ने कहा कि मैं न हाईकमांड को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता।
इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की जिन्दगी को बेहतर करने के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा।
इसके लिए मुझे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में फिर दागी नेताओं और अफसरों का सिस्टम बन रहा है।
इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। वह इसका विरोध करते हैं। मेरा सबकुछ जाता है तो जाए।
सिद्धू ने शायराना अंदाज में कहा कि ‘उसूलों में आंच आये तो टकराना जरूरी है जिन्दा हो दिखाना जरूरी है’ ।
दूसरी और पंजाब के इस विवाद को हल करने के लिए पंजाब कांग्रेस मामलों के प्रभारी हरीश रावत को चंडीगढ़ आना था।
उनका कार्यक्रम रद्द हो गया है। इस विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की टिप्पणी सामने नहीं आई है।