रांची: सहायक पुलिस कर्मियों का विभिन्न मांगों को लेकर तीसरे दिन बुधवार को भी अनिश्चितकालीन धरना जारी है। सहायक पुलिस कर्मियों ने बताया कि चुनाव के समय सभी नेता वोट मांगने आते हैं लेकिन हमारी मजबूरी को देखने के लिए कोई भी फिलहाल नहीं आए हैं।
सहायक पुलिस कर्मियों ने बताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम लोग अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।
मोरहाबादी मैदान में आए पांच सौ सहायक महिला पुलिसकर्मी जितिया पर्व मना रही हैं।
जितिया मना रही सहायक महिला पुलिसकर्मी उपवास पर हैं और उपवास के सहारे अपने सभी साथियों का हौसला बढ़ा रही हैं।
महिला सहायक पुलिस कर्मियों ने बताया कि सरकार इस तरीके से बर्ताव कर रही है कि रोजमर्रा के लिए पानी तक की सुविधा को बंद करा दी है। कुछ सहायक महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि बाथरूम की यहां पर कुछ भी व्यवस्था नहीं की गई है।
बाथरूम के लिए 15 से 20 रुपये देने पड़ रहे हैं जो हम सभी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है।
उपवास किए हुए महिला सहायक पुलिस कर्मियों ने बताया कि सरकार के हर मंसूबों का जवाब हम सभी मिलकर देंगे और माता रानी का आशीर्वाद हम लोगों पर बना हुआ है।
अलग-अलग जिले से आयी महिला सहायक पुलिस कर्मियों ने बताया कि महज दस हज़ार में अपने घर को चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। महंगाई के दौर में दस हज़ार की कुछ भी कीमत नहीं है।
महिला सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि पहले एक महीने के राशन की कीमत दो से तीन हजार होती थी, लेकिन आज के दिन में वही राशन पांच से छह हजार का हो गया है, तो ऐसे हालात में अपनी आजीविका को चला पाना बहुत ही मुश्किल हो गया है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के 12 जिलों में संविदा पर बहाल 2200 सहायक पुलिसकर्मी बीते सोमवार से अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे है।
मौके पर सहायक पुलिसकर्मी की ओर से विवेकानंद ने बताया कि सहायक पुलिस कर्मियों को झारखंड पुलिस में समायोजित करने, पुलिस की तरह अवकाश देने और वेतनमान में वृद्धि करने को लेकर अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित जिलों में संविदा पर 2200 सहायक पुलिसककर्मी को बहाल किया गया था।
संविदा पर बहाल हुए पुलिसकर्मियों की मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिसकर्मी पिछले साल 12 सितंबर, 2020 से 23 सितंबर, 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किया था।
उस वक्त पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर सहायक पुलिसकर्मी से मिलने गए थे। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने आश्वासन दिया था कि मांगों पर विचार के लिए जल्द ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित होगी लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।