दिल्ली: अक्सर हमारे देश में सड़क हादसों में घायल हुए लोगों को दूसरे लोग पुलिस के डर से अस्पताल नहीं पहुंचाते हैं। जिससे कई लोगों की बिना इलाज के उनकी मौत होती है।
लेकिन अब मोदी सरकार लोगों के मन से ये डर निकालकर उन्हें लोगों की मदद के लिए प्रेरित करने में जुटी है।
इसके तहत सड़क मंत्रालय ने कहा कि यदि सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को गंभीर चोट लगने के एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने वाले मददगारों के लिए योजना शुरू की है। योजना के तहत उन्हें 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और परिवहन सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि योजना 15 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी। मंत्रालय ने नेक मददगार को पुरस्कार देने की योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
मंत्रालय ने कहा कि योजना का मकसद आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए आम जनता को प्रेरित करना है।नकद पुरस्कार के साथ प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि पुरस्कार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर 10 सबसे नेक मददगारों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
मंत्रालय की ओर से एक वेब पोर्टल भी शुरू किया गया है, इसमें जिला प्रशासन की ओर से हर महीने घायलों की मदद करने वाले लोगों की पूरी जानकारी अपलोड होगी। इसके साथ ही पुलिस और अस्पताल प्रशासन भी जानकारी को अपलोड कर सकते है।
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से घायलों की मदद करने वाले लोगों को पहले ही पुलिस की कार्यवाही से बचने की छूट दी हुई है।
इसके अनुसार पुलिस और अस्पताल प्रशासन इसतरह के लोगों पर उनकी पहचान, पता या अन्य जानकारी देने का दबाव नहीं डाल सकते। इसके साथ ही पुलिस उन्हें थाने में नहीं बुला सकती।वहीं उन्हें किसी मामले में गवाह बना सकती है।