रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को लेकर अब बहुत कुछ साफ हो गया है।
इसके तहत बिहार की तर्ज पर ही झारखंड में भी पारा शिक्षक सेवा शर्त नियमावली लागू की जाएगी, जिसका अक्षरशः पालन किया जाएगा।
इस संबंध में झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ की प्रदेश इकाई के राज्य महासचिव विकास कुमार चौधरी, प्रदेश कोषध्यक्ष नीरज कुमार ने शिक्षा सचिव राजेश शर्मा एवं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रसाशी पदाधिकारी जयंत मिश्रा के कार्यालय में जाकर मुलाकात की है।
पारा शिक्षकों के अन्य समस्या जैसे आप अशिक्षित एनसी के मुद्दे पर भी बात हुई सभी समस्याओं का समाधान धीरे-धीरे हो जाएगा, ये आश्वासन दिया गया।
यह जानकारी झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ राज्य इकाई के अध्यक्ष मो सिद्दीक शेख़, प्रधान सचिव सुमन कुमार ने दी।
क्या कहा प्रतिनिधिमंडल ने
झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद कार्यालय में प्रसाशी पदाधिकारी जयंत मिश्रा से मिला।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि सरकार 19-20 वर्ष काम करने के बाद हमारी दक्षता का आकलन करनी चाहती है, लेकिन सरकार को भी सुनिश्चित करना होगा कि झारखंड में कार्यरत पारा शिक्षकों को वेतन कैसे मिले।
प्रसाशी पदाधिकारी से वार्ता
1. बिहार मॉडल नियमावली पर संघीय प्रतिनिधियों से वार्ता में सहमति के बाद नियमावली तैयार हो चुकी है। मंत्री या शिक्षा सचिव ही प्रस्तावित नियमावली का प्रारूप आप लोगों को उपलब्ध करा सकते हैं।
2. अप्रशिक्षितध् एनसी अंकित पारा शिक्षकों के बकाया मानदेय का भुगतान सत्र 2020 के लिए जिला को पत्र के आधार पर पहले ही भेज दिया गया है, अन्य बकाया मानदेय का भुगतान जिला कार्यालय से प्रतिवेदन मिलने के बाद अविलंब कर दिया जाएगा ।
3. अप्रशिक्षितध् एनसी पारा शिक्षकों को अगस्त से नियमित मानदेय भुगतान के लिए पत्र निकालने का आदेश वार्ता के दौरान कर्मचारियों को दिया गया।
4. शून्य बायोमीट्रिक उपस्थिति के कारण लंबित मानदेय भुगतान प्रक्रियाधीन है, अविलंब भुगतान होगा।
शिक्षा सचिव से प्रोजेक्ट भवन में लंबी वार्ता
1. बिहार मॉडल पर नियमावली बनाई जा चुकी है। जैसा बिहार में है उसे हूबहू लागू किया जाएगा।
2. तीन परीक्षा में फेल होने पर पारा शिक्षकों की नौकरी रहेगी या जाएगी, इस मुद्दे पर सचिव ने स्पष्ट कहा कि जैसा बिहार मॉडल में है, उसका पालन यहां भी किया जाएगा।
3. परीक्षा लेने वाली एजेंसी झारखंड में कौन होगी, इस मुद्दे पर सचिव ने कहा कि झारखंड में कोई एजेंसी परीक्षा लेने वाली नहीं है, जब कहा कि बिहार में इंटरमीडिएट काउंसिल के रहते हुए बिहार अनुसंधान शिक्षा परिषद द्वारा परीक्षा ली गई है इस मुद्दे पर शिक्षा सचिव ने कहा कि यहां पर विचार किया जाएगा।
5. परीक्षा का स्तर एवं क्वेश्चन का अधिकतम कठिनाई स्तर क्या होगा, इसके बारे में शिक्षा सचिव का कहना था कि इस पर सरकार को निर्णय लेना है।