नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वह लखीमपुर खीरी जाकर मृत किसानों के परिजनों से मुलाकात कर उनके दुख में शामिल होना चाहते हैं।
राहुल ने कहा कि वह बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश करेंगे। हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनको वहां जाने की अनुमति नहीं दी है।
राहुल गांधी ने आज कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के लिए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा जिम्मेदार हैं।
लेकिन अभी तक सरकार ने उन दोनों को गिरफ्तार नहीं किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में धारा 144 को देखते हुए वहां वह सिर्फ तीन लोगों के साथ ही जाएंगे।
उनका उद्देश्य केवल मृत किसानों के परिजनों से मिलना है।वह उनसे मिलकर उन्हें उम्मीद दिलाना चाहते हैं कि कांग्रेस परिवार उनके साथ है।
राहुल ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरे दलों के नेताओं को वहां जाने दिया जा रहा है लेकिन कांग्रेस के लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है।
राहुल ने कहा कि कल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जिस तरह से लखनऊ हवाई अड्डे पर रोका गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी बड़ा मुद्दा नहीं है। इस समय किसानों के साथ हो रहा अन्याय बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस किसानों के साथ है और उनके अधिकारों की लड़ाई जारी रखेगी।
गांधी परिवार गिरफ्तारी और धक्का-मुक्की से नहीं डरता है। राहुल ने मीडिया पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जो काम मीडिया को करना चाहिए वह काम कांग्रेस को करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मीडिया को नियंत्रित कर रखा है।
राहुल ने कहा कि विपक्ष का काम है न्याय के लिए सत्ता पक्ष पर प्रेशर बनाना। वह कार्य कांग्रेस किसी भी हाल में करती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस हिंसा के लिए विपक्ष केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा को जिम्मेदार बता रही है।