सहरसा: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि आठ दिसम्बर को किसान संगठनों द्वारा भारत बंद में एक फीसदी भी किसानों की सहभागिता नहीं रही।
सांसद ने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर हुए भारत बंद में ग्रामीण क्षेत्रों के किसान बंद के समर्थन में बाहर नहीं निकले।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों द्वारा भारत बंद के ऐलान किसान विरोधी कार्रवाई करार देते हुए कहा कि तीनों नये कृषि कानून किसान हित में है।
किसान संगठनों द्वारा आठ दिसम्बर को भारत बंद के दूसरे दिन सांसद ने कहा कि ग्यारह विपक्षी पार्टियों द्वारा किसान बिल के विरोध में भारत बंद करने की घोषणा किसान विरोधी कार्रवाई है।
किसानों में भ्रम पैदा कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का कुत्सित प्रयास विपक्षी पार्टियों द्वारा किया जा रहा है।
किसान आंदोलन को राष्ट्रविरोधी तत्वों एवं राजनीतिक दलों द्वारा भड़का कर देश को अस्थिर करने का काम किया जा रहा है जो नहीं होना चाहिए। किसानों को इन राजनीतिक दलों के झांसे में नहीं आना चाहिए।
विपक्षी पार्टियों से उन्होंने कहा कि वे लोकसभा में अपनी बात रख सकते हैं।
नया कृषि कानून काे किसान हित में बताते हुए उन्होंने कहा कि कानून के तहत किसानों को बचौलियों से मुक्त कर संपूर्ण देश में अपनी ऊपज बेचने की व्यवस्था की गई हे लेकिन विपक्षी पार्टियां बिचोलिया प्रथा को बढावा देने तथा किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिले, इस उद्देश्य से कानून की अच्छाईयों को किसान विरोधी बताकर विरोध कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कहा कि इस कानून से निजी सेक्टर कृषि क्षेत्र में निवेश करने के लिए आगे आएंगे जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ आधारभूत संरचना तैयार होगा।
इस अवसर भाजपा जिला अध्यक्ष दिवाकर सिंह, जदयू नेता अंजुम हुसैन, जदयू प्रवक्ता डा लुतफुल्लाह, रेवती रमण सिंह, इश्तियाक खां, ब्रहचारी जी, भाजपा आई टी सेल सुमित सिन्हा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।