न्यूज़ अरोमा रांची: रांची जिला पारा शिक्षक संघ का एक डेलीगेशन अध्यक्ष मो. शकील की अगुवाई में मंत्री बादल पत्रलेख से उनके आवास पर मिला।
इस दौरान डेलीगेशन ने मंत्रीजी को चुनाव से पहले किए वादे को याद दिलाते हुए स्पष्ट कहा कि सरकार बनते ही वेतनमान देने का क्या हुआ।
आखिर झारखंड के पारा शिक्षक कब तक आश्वासन का घूंट पीते रहेंगे।
हम आप की सरकार से बिना आंदोलन के वेतनमान की आस में हैं, परंतु यदि ज्यादा समय लगेगा तो झारखंड के तमाम पारा शिक्षक मजबूर होकर पुनः आंदोलन करने को मजबूर होंगे और इसके लिए हेमंत सरकार जिम्मेवार होगी।
हाईलेवल कमेटी से पारा शिक्षकों को बाहर क्यों किया
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रीजी से कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी से पारा शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है, जबकि बीआरपी सीआरपी को शामिल कर दिया गया है।
अतः झारखंड के तमाम पारा शिक्षक आपसे आग्रह करते हैं कि जो आप सभी द्वारा चुनाव पूर्व वादा किया गया था कि हमारी सरकार बनते ही वेतनमान देंगे, उस वादे को जल्द पूरा करने की पहल करें।
समय गुजरता जा रहा है। अतः काम होगा या नहीं इस पर अंतिम बात होनी चाहिए।
आपके मंत्रीजी बीमार हैं, उनके स्वस्थ होकर आते ही होगा तेजी से काम
इस पर मंत्रीजी ने कहा कि यह आपकी सरकार है। आप सबों ने इस सरकार को बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। आप सभी को आपका अधिकार हम जरूर दिलवाएंगे।
आप सभी को आश्वस्त कराता हूं कि आपके शिक्षा मंत्रीजी बीमार हैं और जल्द स्वस्थ होकर लौटने वाले हैं।
आप लोग जानते हैं कि आप लोगों के मंत्रीजी को स्वस्थ करने में हमने कितना दमखम लगाया है। मंत्रीजी के आते ही आप लोगों के काम में तेजी आ जाएगी।
बोले मंत्री बादल पत्रलेख-हम पारा शिक्षकों को फूल देंगे, डंडा नहीं
साथियों यहां एक बात आप सबको बता देना चाहता हूं कि मंत्रीजी ने कहा है कि एक दो अफसर हैं, जो पारा टीचर्स का काम होने नहीं देना चाहते हैं, उनको बदलना बहुत जरूरी है।
हमलोग उन्हें बदलने वाले हैं। उनके बदलते ही आप सभी का काम हो जाएगा। मंत्रीजी ने हंसते हुए कहा कि हम पारा शिक्षकों को फूल देंगे, डंडा नहीं। परंतु हमें पिछली सरकार जैसा समय नहीं मिला है।
सरकार के आते ही कोरोनावायरस महामारी आ गई है। अतः आप सभी निश्चिंत रहें। उन्होंने पुनः पारा शिक्षकों के काम के लिए हम सबको मिलने बुलाया है।
डेलीगेशन में रांची जिला अध्यक्ष मो. शकील, जिला सचिव जावेद रियाज, महामंत्री महावीर पहान, कोषाध्यक्ष राजन उरांव, हाजी मसूद आलम, अनिल कुमार, उमाशंकर दास, आशा लिंडा व बसंती कच्छप शामिल थे।