पटना: बिहार की राजग नीतीश सरकार लगातार काम करने में विश्वास करती है। इसी कड़ी में सरकार नई टेक्सटाइल नीति लागू करने जा रही है।
इस नीति के तहत सरकार उन कंपनियों को प्रोत्साहन राशि भी देगी जो कंपनी एससी, एसटी, ईबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, महिला, दिव्यांग, युद्ध विधवा, एसिड अटैक पीड़ितों और किन्नरों को नौकरी देगी।
प्रदेश के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। प्रदेश में निवेश करने वाली टेक्सटाइल कंपनियों के लिए इसमें कई तरह की रियायत और प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
रोजगार सृजन से लेकर प्रदेश से निर्यात के विकास तक पर प्रोत्साहन राशि तय की गई है। प्रारूप के तहत निहित प्रावधानों पर विशेषज्ञों से भी राय ली गई है। राज्य मंत्रिपरिषद की सहमति के बाद इसे लागू किया जाएगा।
प्रारूप में कृषि, भवन निर्माण, तकनीकी उपकरणों, रक्षा जरूरतों, फर्नीचर और घरेलू जरूरतों, औद्योगिक उपयोग, मेडिकल उपयोग, पर्यावरण संरक्षण, पैकेजिंग, सुरक्षा उपकरणों और खेल जरूरतों के लिए खास तकनीक वाले वस्त्रों के निर्माण पर भी खास फोकस किया गया है।
टेक्सटाइल उद्योगों को चार कैटेगेरी में बांटकर उनके लिए रियायत और प्रोत्साहन का प्रावधान है। इसके अलावा लैंड कनवर्सन से लेकर स्टांप ड्यूटी, कौशल विकास और पेटेंट रजिस्ट्रेशन तक में रियायत का प्रावधान किया गया है।
टेक्सटाइल कंपनियों को प्रति कर्मचारी हर माह तीन हजार तक देगी सरकार प्रोत्साहन राशि
बिहार निवासी एक व्यक्ति को नौकरी देने पर राज्य सरकार टेक्सटाइल कंपनियों को हर महीने 800 रुपये से तीन हजार रुपये तक दे सकती है।
अलग-अलग कैटेगेरी में निवेश करने वाली टेक्सटाइल कंपनियों को रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है। बिहार की प्रस्तावित टेक्सटाइल पॉलिसी में इसकी व्यवस्था की गई है।
टेक्सटाइल कंपनियों को चार कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें रोजगार पर सबसे अधिक प्रोत्साहन राशि का प्रावधान बी 1 और बी 2 कैटेगरी की कंपनियों के लिए किया गया है।
इसके तहत अपेरल, गार्मेंट व चमड़े की सामग्री बनाने वाली कंपनियों को शामिल किया गया है। इनमें दो हजार से अधिक लोगों की प्रत्यक्ष नियुक्ति करने वाली कंपनियों में एससी, एसटी, ईबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, महिला, दिव्यांग, युद्ध विधवा, एसिड अटैक पीड़ितों और किन्नरों को नौकरी देने पर प्रत्येक के लिए हर महीने तीन हजार रुपये सरकार देगी।
इसी तरह की कंपनियों में बाकी लोगों को नौकरी देने पर सरकार हर एक के लिए 2,800 रुपये प्रति माह देगी।
इसी तरह ए 1 और ए 2 कैटेगरी की कंपनियों की कर्मचारी संख्या की श्रेणी के आधार पर राज्य सरकार हर कर्मचारी को नौकरी पर रखने के बदले प्रति माह 800 रुपये से दो हजार रुपये तक देगी।