शिमला: उतराखंड के सीमावर्ती बर्फीली पहाड़ियों से हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के लिए ट्रैकिंग पर निकले एक दल के लापता 11 ट्रैकरों में से आज पांच ट्रैकरों के शव मिले हैं। बचाव दल अभी छह और लापता लोगों की तलाश में जुटा है।
मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। दरअसल, ट्रैकिंग के शौकीन पर्यटकों का एक दल 17 अक्टूबर को किन्नौर के लिए रवाना हुआ था। इसी बीच किन्नौर में हुई भारी बर्फबारी के चलते ट्रैकरों का यह दल लापता हो गया था।
इनकी तलाश के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई थी। गुरुवार को किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि ट्रैकरों की तलाश में सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और किन्नौर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि आज दोपहर को सेना के बचाव दल के हेलीकाप्टर ने छितकुल में बर्फ में दबे पांच ट्रैकरों के शवों को बाहर निकाला।ट्रैकिंग के लिए निकले 11 सदस्यीय दल के सदस्यों की पहचान दिल्ली की अनीता रावत (38), पश्चिम बंगाल के मिथुन दारी (31), तन्मय तिवारी (30), विकास मकल (33), सौरभ घोष (34), सावियन दास (28), रिचर्ड मंडल (30), सुकेन मांझी (43) के तौर पर हुई है।
इसके अलावा खाना पकाने वाले कर्मचारियों की पहचान देवेंद्र (37), ज्ञान चंद्र (33) और उपेंद्र (32) के रूप में हुई है। इनमें से पांच लोगों के शव आज बरामद हो गए हैं लेकिन मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
गौरतलब है कि ये ट्रैकर मोरी सांकरी स्थित एक ट्रैंकिंग एजेंसी के माध्यम से उत्तराखंड के हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल के छितकुल के ट्रैकिग रूट पर निकले थे। इसी बीच छितकुल में भारी बर्फबारी हुई।
इस दल को मंगलवार को छितकुल पहुंचना था, लेकिन वह बुधवार तक भी नहीं पहुंचने पर उनकी खोजबीन शुरू की गई।
दरअसल, उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की पैदल दूरी 80 किलोमीटर के करीब है। यह ट्रैक क्यारकोटी बुग्याल होते हुए 5500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा पास से होकर छितकुल तक पहुंचता है।