रांची: रांची में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों को लेकर रांची सिविल सर्जन और जिला प्रशासन द्वारा दी गयी सूचनाओं में विरोधाभास सामने आ रहा है।
सिविल सर्जन ने बताया कि 22 अक्टूबर को सिर्फ रांची के दो मरीज पॉजिटिव थे, 23 को 11 लोग पॉजिटिव मिले और 24 की रिपोर्ट नहीं आयी है।
वहीं, जिला प्रशासन द्वारा जारी लिस्ट में 22 को रांची जिला में मिले मरीजों की संख्या 26 दिखायी गयी है, 23 को 27 मरीजों को पॉजिटिव बताया गया है, वहीं 24 को 25 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
जिला प्रशासन द्वारा 24 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट के आधार पर रांची जिला में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 133 दिखायी गयी है। सिविल सर्जन रांची ने बताया कि निगेटिव हो चुके मरीजों की संख्या में भी कमी आ जायेगी।
सिविल सर्जन ने बताया कि अचानक इतने मरीजों के पॉजिटिव पाये जाने के बाद लोग परेशान हो गये थे, पर आरटीपीसीआर में निगेटिव आ जाने के बाद लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। तीसरी लहर जैसी कोई बात नहीं है।
गौरतलब है कि रांची के हटिया और रांची रेलवे स्टेशन में पिछले तीन-चार दिनों से हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं।
सिविल सर्जन ने बताया कि 22, 23 और 24 अक्टूबर को स्टेशन में मिले सभी लोग कोरोना से निगेटिव हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि जो लोग रैपिड एंटीजेन टेस्ट में पॉजिटिव मिले थे, उन सभी की आरटीपीसीआर जांच भी की गयी थी, जिसमें वे निगेटिव पाये गये हैं।
बता दें कि आरटीपीसीआर के लिए भी सैंपल उसी वक्त लिया जा रहा है, जब रैपिड एंटीजेन किट से जांच हो रही है।
रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि जांच की गुणवत्ता को लेकर विभाग को लिखित शिकायत भी की गयी है।
सिविल सर्जन ने बताया कि पहले रैपिड एंटीजेन टेस्ट निगेटिव होने पर कन्फर्म होने के लिए आरटीपीसीआर से जांच करानी पड़ती थी। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है, जब रैपिड एंटीजेन टेस्ट में पॉजिटिव होने के बाद आरटीपीसीआर में लोग निगेटिव हुए हैं।