रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों के समक्ष शिक्षामंत्री जगन्नाथ महतो ने नियमावली को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है।
उन्होंने स्पष्ट कहा है कि झारखंड में कार्यरत पारा शिक्षक अगर तीन आकलन परीक्षाओं में पास नहीं करते हैं तो उन्हें सेवा से हटाया जा सकता है।
मंत्री ने कहा है कि बिहार में यही नियमावली लागू है, जिसपर राज्य सरकार काम कर रही है। बता दें कि राज्य के पारा शिक्षकों ने हेमंत सरकार को 14 नवंबर तक नियमावली को लेकर अल्टीमेटम दिया है।
वरना 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस समारोह का विरोध करेंगे। इसके लिए राज्यभर के पारा शिक्षक रांची कूच करने वाले हैं।
बोले मंत्री- बिहार की नियमावली पर पारा शिक्षकों की कमिटी ने जताई थी सहमति
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार में शिक्षकों को आकलन परीक्षा में पास होने के लिए तीन मौके दिए गए थे। जो इस परीक्षा में पास नहीं हुए, उन्हें सेवा से हटा दिया गया।
पारा शिक्षकों की कमिटी ने भी ऐसी नियमावली पर सहमति दी थी। अब अलग-अलग शिष्टमंडल आकर मिलते हैं और पास नहीं करने पर भी किसी को नहीं हटाने की बात करते हैं तो ऐसे कैसे चलेगा।
पारा शिक्षकों के लिए नियमावली पर अगस्त में ही फैसला होना था। इसके लिए 18 अगस्त को बैठक हुई थी और एक सप्ताह में नियमावली का प्रारूप शिक्षा मंत्री को सौंपा जाना था।
आठ नवंबर को होगी बैठक
इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पारा शिक्षकों के स्थायीकरण, वेतनमान और नियमावली को लेकर आठ नवंबर को एक अहम बैठक होनेवाली है। इसमें विकास आयुक्त, वित्त सचिव, शिक्षा सचिव भी शामिल रहेंगे। पारा शिक्षकों के शिष्टमंडल को भी बुलाया जा सकता है।
हेल्थ चेकअप कराने चेन्नई गए शिक्षामंत्री
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो रूटिंग चेकअप के लिए मंगलवार को चेन्नई गए। वे इस सप्ताह के अंत तक चेन्नई से लौटेंगे।
चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल में ही पिछले साल उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया था। इसके बाद वे इस साल झारखंड लौटे थे।