रांची: बीजेपी एसटी मोर्चा के रांची जिलाध्यक्ष जीतराम मुंडा की गोली मारकर हत्या करने वाले मुख्य शूटर अली शेर उर्फ बाबू साहेब का काम तमाम हो गया है।
यूपी एसटीएफ ने बुधवार देर शाम लखनऊ में उसका एनकाउंटर कर दिया। इस दौरान उसका एक सहयोगी कामरान भी मारा गया। इसकी पुष्टि रांची के रूरल एसपी ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने की है।
पुलिस को बार-बार दे रहा था चकमा
मामले में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि जीतराम मुंडा हत्याकांड में अली शेर मुख्य शूटर था। वह पेशेवर अपराधी था। घटना के बाद से ही रांची पुलिस उसे गिरफ्तार करने का लगातार प्रयास कर रही थी।
लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर भाग जाता था। आखिरकार यूपी एसटीएफ के साथ उसकी मुठभेड़ हुई और वह अपने सहयोगी कामरान के साथ मारा गया।
पुलिस ने रखा था एक लाख का ईनाम
अली शेर पर पुलिस एक लाख रुपए का इनाम रखी थी। जीतराम मुंडा हत्याकांड में पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा था।
वहीं, उस पर यूपी के आजमगढ़ और मऊ समेत चार जिलों में भी 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। बीजेपी नेता की हत्या के लिए उसने 5 लाख रुपए की सुपारी ली थी।
मुख्य साजिशकर्ता पहले ही अरेस्ट
पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता मनोज मुंडा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। पुलिसिया दबिश से बचने के लिए वह रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे धर दबोचा।
इससे पहले एसआइटी ने 28 सितंबर को यूपी के गाजीपुर से डबलू यादव और रांची से कार्तिक मुंडा को भी गिरफ्त में ले लिया था। इसके अलावा कई और आरोपी भी गिरफ्तार हो चुके हैं।
मनोज मुंडा ने दी थी पांच लाख की सुपारी
पांच लाख रुपए की सुपारी लेकर अली शेर ने अपने सहयोगी डबलू यादव के साथ मिलकर 22 सिंतंबर की शाम ओरमांझी थाना क्षेत्र के पालू में जीतराम मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब वह होटल में चाय पी रहे थे।
आरोप है कि ओरमांझी के ही मनोज मुंडा ने हत्या की सुपारी दी थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने डबलू यादव को 28 सितंबर को ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।