गढ़वाः एक्स एमएलए सह बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिनाथ सिंह ने झारखंड में लचर विधि-व्यवस्था को लेकर राज्य की हेमंत सरकार पर निशाना साधा है।
गिरिनाथ सिंह ने कहा है कि वादा करने के बावजूद पारा शिक्षकों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। किसानों द्वारा पिछले साल ही बेचे गए धान की कीमत का भुगतान नहीं किया गया।
हालात बद से बदत्तर हैं। वर्तमान में आम जनता भी त्रस्त है। गिरिनाथ सिंह अपने आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
जनता का नहीं हो रहा कोई काम
पूर्व विधायक ने राज्य सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को दुरुरस्त करने की जरूरत है। मगर दुर्भाग्य है कि जनता का कोई काम नहीं हो रहा है।
सरकार को समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए। झामुमो सरकार के दो वर्ष गुजर गए। मगर पारा शिक्षकों के स्थायीकरण का मुद्दा सिर्फ कोरा आश्वासन ही बनकर रह गया है।
राज्य स्थापना दिवस से पहले पारा शिक्षकों को स्थायी करें
हेमंत सरकार 15 नवंबर को राज्य का स्थापना दिवस मनाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की अधिसूचना जारी करनी चाहिए। यह राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के साथ जुड़ा हुआ मामला है।
गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। दो वर्ष से मध्याह्न भोजन, आंगनबाड़ी केंद्र बंद है। वहीं वृद्धा पेंशन भी पिछले छह माह से गरीबों को नहीं मिल पा रही है, जबकि केंद्र सरकार ने राशि देने का काम किया है।
भाजपा सरकार ने तीन मेडिकल काॅलेज बनाया, हेमंत सरकार एडमिशन तक नहीं करा पा रही
भाजपा सरकार ने राज्य में तीन मेडिकल कॉलेज बनाने का काम किया है। मगर दुर्भाग्य है कि अभी तक नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की जा सकी है। राज्य सरकार ने किसानों को पिछले वर्ष के बेचे हुए धान के बोनस का भुगतान तक नहीं की।
जिले में एक भी गोदाम दुरुस्त नहीं है। जो गोदाम हैं भी उसमें पिछले वर्ष का ही धान पड़ा हुआ है। ऐसे में इस वर्ष का धान कैसे लिया जाएगा और कहां रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले की सड़कें अच्छी नहीं होने के कारण लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोगों की असमय मृत्यु हो रही है।