नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े की अपने ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने इस याचिका पर 10 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने संजय हेगड़े की याचिका पर जल्द सुनवाई की अर्जी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई।
उसके बाद कोर्ट ने 10 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया। संजय हेगड़े ने दिसंबर 2019 में याचिका दायर की थी। छह जनवरी 2020 को कोर्ट ने आईटी मंत्रालय और ट्विटर को नोटिस जारी किया था।
संजय हेगड़े ने हाई कोर्ट से मांग की है कि सोशल मीडिया में सेंसरशिप लागू करने का दिशानिर्देश संविधान के अनुच्छेद 19 के मुताबिक किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि ट्विटर ने संजय हेगड़े का अकाउंट 26 अक्टूबर 2019 को सस्पेंड कर दिया था। ट्विटर ने अगस्त 2019 में संजय हेगड़े द्वारा लैंडमेजर नामक इमेज शेयर करने को वैमनस्य फैलाने वाला पाया था।
उसके बाद ट्विटर ने टर्म्स ऑफ यूज का उल्लंघन का मामला बताते हुए संजय हेगड़े का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया था।
हेगड़े का ट्विटर अकाउंट 27 अक्टूबर 2019 को फिर चालू कर दिया गया। जब उनके 26 अक्टूबर 2019 के उस ट्वीट को सीपीआईएमएल नेत्री कविता कृष्णन ने रिट्वीट किया तो ट्विटर ने संजय हेगड़े के अकाउंट को दोबारा सस्पेंड कर दिया।
पांच नवंबर 2019 को ट्विटर ने बताया कि संजय हेगड़े का अकाउंट स्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया गया है। उसके बाद 7 नवंबर 2019 को हेगड़े ने ट्विटर को लीगल नोटिस भेजा।
बारह नवंबर 2019 को ट्विटर ने दोबारा बताया कि उनका अकाउंट चालू नहीं किया जाएगा। अपने अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने के ट्विटर के जवाब के बाद हेगड़े ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया।
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को बंद करने को संविधान की धारा 19 का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि ट्विटर की यह कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।