नई दिल्ली/ रांची: पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हैं लोगों की जेब पर अब सीधा पड़ेगा। जी हां रोज के इस्तेमाल में आने वाले सुधा ब्रांड के दूध की कीमत बढ़ने से इसका असर लोगों के जेब पर ही पड़ने वाला है।
सुधा ब्रांड के दूध, पनीर, मिल्ककेक, पेड़ा, गुलाब जामुन और बालूशाही महंगा हो गया है। हालांकि अभी घी, दही और लस्सी के दामों में वृद्धि नहीं की गई है।
नई दरें 11 नवंबर से लागू होंगी
सुधा ब्रांड के दूध, पनीर, मिल्ककेक, पेड़ा, गुलाब जामुन और बालूशाही महंगा हो गया है। प्रति लीटर दूध पर तीन और चार रुपये, पनीर का 200 ग्राम का प्रति पैकेट पांच रुपये तथा एक किलो गुलाम जामुन की कीमत में दस रुपये की वृद्धि की गई है।
इन उत्पादों की नई दरें 11 नवंबर से लागू होंगी। वहीं दही, घी, लस्सी, दही के सभी प्रकार, मख्खन और प्लेवर्ड मिल्क की कीमत में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
इसके पहले सात फरवरी, 2021 को सुधा के उत्पाद की कीमत बढ़ाई थी
बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लि0 (कॉम्फेड) सुधा उत्पादों की नई दर का आदेश जारी कर दिया है। दूध के आधा लीटर पैकेट पर दो रुपये की वृद्धि की गई है। कॉम्फेड ने जारी आदेश में कहा है कि दूध उत्पादकों की लंबे समय से मांग थी कि उन्हें दी जाने वाली कीमत में वृद्धि की जाये।
इसी को देखते हुए कॉम्फेड प्रोग्रामिंग कमिटी की बैठक, जिसमें सभी संघों के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे, में दूध संग्रहण और पैकेट बंद सुधा दूध के उपभोक्ता दरों में वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इसके पहले सात फरवरी, 2021 को सुधा के उत्पाद की कीमत बढ़ाई थी।
नई दर के बाद बिहार में लागू दूध का मूल उत्पादक दर गाय दूध के लिए ओड़िशा, झारखंड, पंश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के दूध महासंघों की दर से अधिक हो जाएगा।
इसी प्रकार भैंस की दूध के लिए हरियणा, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु और मध्यप्रदेश से अधिक हो जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के दूध उत्पादकों के हित में की गई यह वृद्धि उनकी आय बढ़ाने में सहायक होगी
दूध उत्पादकों को को दी जाने वाली राशि में प्रति किलो दूध पर दो रुपये 32 पैसे की वृद्धि की गई है। यह वृद्धि चार प्रतिशत फैट एवं 8.5 प्रतिशत एनएनएफ के दूध क्रय पर उत्पादकों को मिलेगा।
इसी प्रकार छह प्रतिशत फैट एवं नौ प्रतिशत एनएनएफ के दूध पर उत्पादकों को अब 40रुपये 20 पैसा प्रति किलो दिया जाएगा।
कॉम्फेड ने कहा है कि यह वृद्धि दूध उत्पादकों को बाढ़ के बाद हरा एवं सूखा चारा की बढ़ी कीमतों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
इधर दूध उत्पादकों के लिए उनके लागत मूल्य में बहुत वृद्धि हुई है, जिसके कारण पशुपालन में उनकी रूचि कम देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के दूध उत्पादकों के हित में की गई यह वृद्धि उनकी आय बढ़ाने में सहायक होगी।