रांची: रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने जल कर में अप्रत्याशित वृद्धि कर आम लोगों पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ डाल दिया है।
राज्य सरकार के इस अधिसूचना के विरोध में 17 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने रांची वासियों सहित सभी सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक संगठनों से इस जनांदोलन में शामिल होने की अपील की।
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मेयर ने कहा कि राज्य सरकार ने जल कर की नई नीति में बीपीएल परिवार को भी राहत नहीं दिया है। बीपीएल परिवार को मात्र पांच हजार लीटर शुद्ध पेयजल ही निःशुल्क दिया गया है।
पांच हजार लीटर से 50 हजार किलो लीटर तक बीपीएल परिवार को नौ रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा। जहां एक ओर केंद्र सरकार बीपीएल परिवार को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कर रही है।
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार बीपीएल परिवार को भी जल कर के दायरे में लाकर उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा मांग रही है।
पूर्व में उपभोक्ताओं को छह रुपये प्रति किलो लीटर की दर से जल कर का भुगतान करना पड़ता था, जबकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को पांच हजार से 50 हजार लीटर शुद्ध पेयजल के उपभोग के लिए डेढ़ गुना अर्थात नौ रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा और 50 हजार से अधिक जल का उपयोग करने पर लगभग दो गुणा अर्थात लगभग 11 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा।
इसके अलावा उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क 500 रुपये की जगह 7,000 रुपये भुगतान करना होगा। इस प्रकार, राज्य सरकार ने वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर दिया है, जो जनविरोधी नीति का प्रमाण है।