धनबाद: साल 2017 में दायर 27 लाख रुपये के गबन के एक मामले में राज्य के मौजूदा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो आरोपी बनाये गये थे।
इसी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने जगरनाथ महतो को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
साथ ही, इनके खिलाफ शिकायत करनेवाले डेगलाल महतो को नोटिस जारी करने का आदेश जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश मंत्री जगरनाथ महतो समेत अन्य आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी स्पेशल लीव पिटीशन की सुनवाई के बाद दिये।
वरीय अधिवक्ता बबलू पांडेय ने मंत्री जगरनाथ महतो की ओर से मंगलवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी की अदालत में आवेदन दायर कर कहा कि निचली अदालत की कार्रवाई पर कि सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, लिहाजा इस पर आगे की कार्रवाई नहीं की जाये।
गौरतलब है कि 27 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर जमानत पर जगरनाथ महतो को मुक्त करने का आदेश झारखंड हाई कोर्ट ने दिया था। मंत्री की ओर से निचली अदालत में ये पैसे जमा करने की इजाजत देने का आवेदन दाखिल किया गया था।
वहीं, मंत्री जगरनाथ महतो ने दो अगस्त को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर कर चुनौती दी थी। इसी पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है।
मालूम हो कि झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी के प्रभारी प्राचार्य डेगलाल राम ने नौ फरवरी 2017 को कॉलेज के अध्यक्ष जगरनाथ महतो समेत अन्य पर कॉलेज के फंड के 27 लाख रुपये षड्यंत्र के तहत गबन करने का आरोप लगाते हुए कम्प्लेंट केस दायर किया था।
इस केस में जगरनाथ महतो के साथ-साथ फूलचंद महतो, रवींद्र कुमार सिंह, रामेश्वर प्रसाद यादव, मोतीलाल महतो, प्रताप कुमार यादव और राजेंद्र महतो को भी आरोपी बनाया गया था।