रांची: तीनों कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा की फितरत है कि पहले वह गला दबाती है, नहीं मरने पर गले लगाती है।
कृषि कानून के मामले में भाजपा का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। करीब एक साल तक केंद्र सरकार ने किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और अब इस कानून को वापस लेकर अपना पीठ खुद थपथपा रही है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को लुगु बुरु घंटा बारी जाने के क्रम में एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग किया है कि मारे गये किसानों को शहीद का दर्जा मिले और उनके परिजनों को पांच- पांच करोड़ रुपये मुआवजा के तौर पर दिये जायें।
साथ ही उन्होंने यह भी मांग किया है कि आंदोलन के दरम्यान जिन किसानों के खिलाफ प्राथमिकी और न्यायालय में मामले लंबित हैं उन मामलों को खत्म किया जाये। आंदोलन में शामिल किसानों को क्षतिपूर्ति राशि 10-10 लाख रुपये भी देने की मांग केंद्र सरकार से की है।