रांची: अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर एपी सिंह ने कहा कि क्षत्रिय महासभा समाज और राष्ट्रहित के तमाम मुद्दों से जुड़कर कर पूरे भारत में कार्य कर रहा है।
विगत एक वर्ष से हरियाणा-पंजाब के क्षेत्रों किसान भाइयों के हक के लिए महासभा की ओर से लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में 30 और 31 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के शाजापुर में महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हमारे देश के गौरवशाली इतिहास से छेड़छाड़ कर उसे धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
उसके विरुद्ध महासभा योजनाबद्ध तरीके से कार्य करेगी और भारत के गौरवपूर्ण और स्वर्णिम इतिहास को पुनर्स्थापित करेगी। सिंह शनिवार को रांची प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट द्वारा झूठे मामले में फंसा कर एससी- एसटी के अलावा सभी जातियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके विरुद्ध भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। साथ ही वर्तमान जातिगत आधारित आरक्षण नीति जिसे गरीब और लाचार लोगों को सम्मान देने के लिए केवल 10 वर्षों के लिए लागू किया गया था।
वोट की राजनीति के चलते विगत 70 सालों से हम पर थोपा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण नीति से लाभान्वित होने वाले जाति को भी गरीब और लाचार को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। महासभा ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि या तो आरक्षण पद्धति को ही समाप्त कर दिया जाए या फिर इसे पूर्ण रूप से आर्थिक आधार पर लागू किया जाए।
जिससे कि सभी जाति के गरीब और लाचार लोगों को इसका लाभ मिल सके। जब तक सरकार इन बिंदुओं पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है महासभा पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी चरणबद्ध आंदोलन करती रहेगी।
डॉक्टर एपी सिंह कृषि कानूनी मामले में किसानों के वकील भी हैं।उन्होंने सरकार से मांग की है कि कृषि कानून आंदोलन में जो भी किसान की मौत हुई है। उन्हें शहीद का दर्जा के साथ उचित सम्मान और सहयोग दिया जाए।
उन्होंने बिहार सरकार से मांग की कि पूर्व सांसद आनंद मोहन को सजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी जेल में रखा गया है। झूठे मामलों में फंसाकर जेल में रखने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
सरकार इस पर ध्यान दें और आनंद मोहन एवं बिहार झारखंड के ऐसे जो भी क्षत्रिय युवा नेता को साजिश के तहत जेल में बंद रखा गया उन्हें जल्द रिहा किया जाए । नहीं तो न्यायालय से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ी जाएगी।