रांची: झारखंड में टाउन प्लानर नियुक्ति परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में दोनों पक्षों की ओर से दलील दी गई।
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग से यह जानना चाहा कि विज्ञापन में दिए गए शर्त के बावजूद अभ्यर्थी को कैसे छूट दी गई।
इसके लिए सरकार से अनुमति ली गई थी या नहीं, उन्हें सात दिसंबर से पूर्व यह बताने को कहा है। सभी पक्षों की सहमति से सात दिसंबर को मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई है।
मामले की सुनवाई सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में हुई।
मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से अदालत को जानकारी दी गई है कि परीक्षा की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई, नियुक्ति की अनुशंसा सरकार को भेज दी गई है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि यह परीक्षा का जो परिणाम है वह गलत है। इस परीक्षा के परिणाम को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सफल अभ्यर्थी में कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने विज्ञापन के लिए जो शैक्षणिक योग्यता दी, उसका प्रमाण पत्र विज्ञापन निकाले जाने के बाद के तिथि से निर्गत किया गया है और उस प्रमाण पत्र के आधार पर उन्हें नियुक्त कर दिया गया है, यह गलत है।
क्योंकि विज्ञापन निकलने से पूर्व के प्रमाण पत्र ही मान होते हैं। इसलिए इस परीक्षा के परिणाम को निरस्त कर दिया जाए। जिस पर सरकार के अधिवक्ता ने प्रार्थी के इस दलील का विरोध किया।
वर्ष 2020 में झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई। सरकार को नियुक्ति के लिए अनुशंसा भेज दिया गया है।
नियुक्ति के परिणाम को याचिकाकर्ता विवेक कुमार और पायल कुमारी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि यह परिणाम गलत है। इसे हटाकर मेरी नियुक्ति की जानी चाहिए।