रांची: चोरी-छिनतई और अपराध रोकने के लिए पुलिस का गठन किया गया है, लेकिन जब यही पुलिसकर्मी चोर बन जाएं तो क्या कहने।
जी हां, झारखंड में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां रायपुर की जेवर दुकान से चोरी गई लाखों की चांदी की बरामदगी तो हो गई लेकिन बाद में इसे बरामद करने वाले पुलिसकर्मी ने ही चोरी कर ली।
इतना ही नहीं, जब इनक्वायरी हुई तो पूछताछ में चोरी की बात स्वीकार भी कर ली है। मामले में सीआईडी (CID) ने सिमडेगा पुलिस के आरोपी कर्मियों का बयान लिया है।
पूछताछ में हुआ चैंकाने वाला खुलासा
जानकारी के मुताबिक, सीआईडी की दो टीमें सिमडेगा गई थीं। एक टीम ने जेल में जाकर पूर्व थानेदार आशीष कुमार, प्रशिक्षु दरोगा संदीप कुमार समेत पुलिस वैन के चालक से पूछताछ की।
पूछताछ में तीनों पुलिसकर्मियों ने कबूल किया है कि उन्होंने चोरों के पास से बरामद चांदी की खेप छिपायी थी। बाद में एसआईटी ने चांदी की बड़ी खेप सिमडेगा में ही एक नदी के पास से बरामद की थी, वहीं दूसरी खेप ओडिशा के वीरमित्रापुर से बरामद की गई थी।
सीआईडी ने मोबाइल फोन भी किया जब्त
सीआईडी ने आरोपी तीनों पुलिसकर्मियों का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है। मोबाइल फोन के डिलिट किए गए व्हाट्सएप चैट या कॉल रिकार्ड को रिस्टोर करने के लिए मोबाइल फोन को एफएसएल भेजा जाएगा।
सीआईडी यह तथ्य जुटाने में लगी है कि पुलिसकर्मियों ने बरामद चांदी खपाने की साजिश आपसी बातचीत और चैट के जरिए रची थी।