रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखण्ड के नायकों को इतिहास के पन्नों में वह जगह नहीं मिला, जिसके वे असली हकदार थे।
अंग्रेजी शासन और जुल्म, शोषण, दमन के खिलाफ तथा अपनी धरती एवं अस्मिता की खातिर विद्रोह का चिराग जलाने वाले शहीदों की शौर्य गाथा का इतिहास में आंशिक तौर पर उल्लेख किया गया है।
हमारा मकसद यही है कि झारखंड के महानायकों को पूरी दुनिया जाने।
उन्होंने कहा कि देश की सबसी ऊंची प्रतिमाओं में से एक स्टै्च्यू ऑफ उलगुलान भगवान बिरसा मुंडा की शौर्य गाथा का प्रतीक बनेगा, उनके बलिदान को गगन भी झुक कर सलाम करेगा।
हर आने-जाने वाले को भगवान बिरसा मुंडा की गौरव गाथा तथा उनके द्वारा अन्याय के खिलाफ किया गया उलगुलान का एहसास आम जन को कराएगा।
सुदेश कुमार महतो शुक्रवार को नीमडीह, सोनाहातू में स्टैच्यू ऑफ उलगुलान के प्रारुप के अनावरण के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमने धरती आबा की शहादत को तो याद रखा लेकिन उनके विचारों से दूर होते गए। भगवान बिरसा ने अबुआ दिशुम, अबुआ राज की कल्पना की थी लेकिन हमें सिर्फ शासन मिला, स्वशासन नहीं।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान, पाहन, जिला परिषद अध्यक्ष सुकरा मुंडा, आजसू पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत, हूल नायक सिद्धो-कान्हू के वंशज मंडल मूर्मू आदि उपस्थित थे।