न्यूज़ अरोमा रांची: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से शनिवार को रिम्स के पेइंग वार्ड में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय सहित बिहार के दो विधायक ने मुलाकात की।
बिहार से मिलने आए नेताओं में गया जिले के गुरुआ विधायक विनय यादव और नालंदा जिले के इस्लामपुर के विधायक राकेश रोशन शामिल थे।
लालू से मुलाकात के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजद अध्यक्ष की तबीयत में गिरावट की खबर सुनकर वाह उनका स्वास्थ्य की जानकारी लेने आए थे।
बिहार विधानसभा चुनाव में 18 से 20 सीटों पर काफी कम वोटों के अंतर से महागठबंधन के प्रत्याशियों की हार हुई।
इस दौरान पुनर्मतगणना का भी आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। चार घंटे तक कई क्षेत्रों में मतगणना रोकर एनडीए उम्मीदवारों की जीत की घोषणा कर दी गई।
वहीं, विधायक राकेश रोशन ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अपने पार्टी सुप्रीमो लालू यादव का आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने हमें जिताने का काम किया है, मगर जानबूझ कर हमें विपक्ष में बैठाया गया है।
इसी बीच विधायक राकेश रोशन की धर्मपत्नी मंजू रोशन ने कहा कि लालू से मुलाकात के लिए सप्ताह में 2 दिन होना चाहिए। विधायक की पत्नी को लालू से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि काफी उम्मीद लेकर अपने पति के साथ यहां आई थी।
लालू यादव बड़े नेता हैं। उनसे मिलने के लिए सप्ताह में सिर्फ तीन लोग काफी नहीं हैं। विधायक की पत्नी ने कहा कि लालू से मिलने वाले कोई अपराधी नहीं होता बल्कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ही होते हैं।
उल्लेखनीय है कि जेल मैनुअल के अनुसार लालू से सप्ताह में सिर्फ शनिवार को तीन व्यक्ति मिल सकते हैं।
लालू की तबीयत बिगड़ी
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य में गिरावट आई है। उनकी किडनी का क्रिएटिनिन लेबल लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल उनकी किडनी 25 फीसदी ही काम कर रही है।
अगले कुछ दिनों तक स्थिति ऐसी ही रही तो उन्हें डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ सकती है।
लालू का इलाज कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लालू प्रसाद बहुत चिंतित और परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इनकी स्वास्थ्य की जानकारी रिम्स प्रबंधन और सरकार को दे दी गई है।
लालू का ब्लड शुगर भी बढ़ा हुआ है। लालू को जब रिम्स में एडमिट किया गया था तब उनका क्रिएटिनिन लेबल 53 प्रतिशत काम कर रहा था।
डॉ प्रसाद ने कहा कि उन्हें बाहर भेजने की भी जरूरत पड़ सकती है। क्योंकि किडनी का इलाज करने वाले बेहतर नेफ्रोलॉजी दिल्ली के एम्स में ही हैं।