रांची: पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री पर विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई संचालित करने का निर्देश देने का अनुरोध विधानसभा अध्यक्ष से किया है।
विधानसभा अध्यक्ष को सोमवार को प्रेषित ज्ञापन में राय ने कहा है कि सभा के गत मानसून सत्र में उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने सदन को जानकारी दिया कि पूर्वी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन विभागीय जांच में दोषी पाये गये हैं और उनकी सेवा से बर्खास्तगी प्रक्रियाधीन है।
लेकिन मंत्री के स्तर से उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है और उन्हें बर्खास्त करने की राह में रोड़ा अटकाया जा रहा है।
विधानसभा में स्पष्ट आश्वासन के बावजूद मंत्री ने उनकी बर्ख़ास्तगी का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के पास संकल्प के रूप में नहीं भेजा, बल्कि सामान्य रूप से संचिका मुख्यमंत्री को भेज दिया, जबकि राजपत्रित अधिकारी को बर्खास्त करने की शक्ति मुख्यमंत्री को नहीं है।
यह शक्ति मंत्रिपरिषद को है। मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को प्रेषित संचिका प्रक्रिया के अंतर्गत मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने यह प्रश्न उठाया और कार्मिक विभाग से मंतव्य मांगा।
संचिका एक माह तक कार्मिक विभाग में दबी रही। बाद में कार्मिक विभाग ने मंतव्य दिया कि दोष सिद्ध अधिकारी की बर्ख़ास्तगी की शक्ति मंत्रिपरिषद के है। इस मंतव्य के अनुरूप बर्खास्तगी का संकल्प भेजने के लिये संचिका स्वास्थ्य विभाग में भेज दी गई।
स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्तगी के प्रस्ताव के साथ संचिका मंत्रिपरिषद में भेजने के बदले दोष सिद्ध अधिकारी से पुनः स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि वे 30 अक्टूबर तक इस बारे में जवाब दें।
विधानसभा सचिवालय ने स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में जवाब मांगा तो स्वास्थ्य विभाग ने गत दो नवम्बर 2021 को सभा सचिवालय को लिखित उत्तर भेजा कि दोष सिद्ध अधिकारी ने जवाब नहीं भेजा है।
लेकिन इसपर चुप्पी साध लिया कि बर्ख़ास्तगी का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के समक्ष भेजा है या नहीं।