धनबाद : “बेटे ने अंतरजातीय विवाह कर लिया, तो समाज नाराज हो गया। हमारे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है।
इस सामाजिक बहिष्कार का दर्द हम पिछले तीन साल से सहते आ रहे हैं। घर में अभी सिर्फ महिलाएं ही रहती हैं। समाज के लोग घर आकर गाली देते हैं, धमकी देते हैं।
बहुत डर लगता है। अब सहन नहीं हो रहा है। यह हमारे साथ नाइंसाफी है। अब हमें इस सामाजिक बहिष्कार और डर के दर्द से मुक्ति दिला दीजिये।”
यह गुहार लगायी है एक 62 वर्षीय महिला ने। नाम है जलीला खातून। झरिया थाना क्षेत्र स्थित ऊपर कुल्ही में रहती हैं। गुरुवार (25 नवंबर) को वह यहां प्रेस क्लब आयीं।
पत्रकारों से अपना दुखड़ा साझा किया। बताया कि झरिया की इस्लाहिया कमिटी शेख बिरादरी पंचायत ने तीन साल पहले उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। सिर्फ इस कसूर पर कि उनके बेटे ने अंतरजातीय विवाह कर लिया।
जलीला ने बताया कि पंचायत के लोगों ने उनकी जमीन पर पीएम आवास योजना के तहत हो रहे निर्माण को भी रोक दिया है।
जब उनके परिवारवालों ने इस पर आपत्ति जतायी, तो पंचायत के लोगों ने उनके साथ न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि मारपीट भी की। जलीला ने बताया कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट भी गयी हैं।
जलीला खातून ने बताया कि उनके दोनों बेटे अक्सर बाहर रहते हैं। घर में सिर्फ महिलाएं ही रहती हैं। ऐसे में हमेशा डर लगता रहता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत के शेख इरफान, शेख फहीम, मो आलम, शेख सफी अहमद, शेख वसीम आदि उनके घर आकर उन्हें गालियां देते हैं, धमकियां भी देते हैं।
उन्होंने बताया कि धनबाद के उपायुक्त को भी उन्होंने लिखित आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने उपायुक्त से इस सामाजिक बहिष्कार के फैसले को रद्द कराने की गुहार लगायी है।