नई दिल्ली: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को संसद भवन परिसर में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को संबोधित करते हुये उन्हें लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहने के साथ उन पर प्रभावी ढंग से कार्यवाही करने का आग्रह किया।
ओम बिरला ने कहा कि भारत का लोकतंत्र जनाधारित है और प्राचीन काल से ही यहां सेवा, त्याग और न्याय के मानवीय मूल्यों पर जोर दिया जाता रहा है।
आजादी के 75 वर्ष के बाद लोकतंत्र में लोगों की आस्था बढ़ी है और भारतीय लोकतंत्र दिनों-दिन मजबूत और सुदृढ़ हुआ है ।
इस अवसर पर बिरला ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों द्वारा राष्ट्र सेवा में निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए देश की एकता और अखंडता के साथ कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद का मुक़ाबला करने,
संवेदनशील जानकारी एकत्र करने, कोरोना महामारी के दौरान राहत उपायों एवं आपदा प्रबंधन जैसे विविध कार्यों में पुलिस सेवा के योगदान का भी उल्लेख किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कानून और व्यवस्था सुशासन का आधार है और इसके न होने पर समाज की प्रगति अवरुद्ध होती है। उन्होंने युवा पुलिस अधिकारियों से अद्यतन प्रौद्योगिकी और नवाचार अपनाने का आग्रह किया,
जिससे अपराध पर अंकुश लगाया जा सके और कानून का पालन करने वाले लोगों को उनके दैनिक जीवन में सहायता दी जा सके।
राष्ट्र निर्माण में संसद की भूमिका के बारे में बात करते हुए बिरला ने अधिकारियों को बताया कि लोकतंत्र का यह पावन मंदिर 130 करोड़ से भी अधिक देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि युवा अधिकारियों को समाज के कमजोर और निर्धन वर्गों की स्थिति में सुधार लाने के लिए कार्य करना चाहिए।
लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया और लोक सभा सचिवालय में अपर सचिव प्रसन्नजीत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
अपने प्रशिक्षण के भाग के रूप में ये अधिकारी इस समय संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा आयोजित संसदीय पद्धतियों और प्रक्रियाओं से संबंधित दो दिवसीय परिबोधन कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
प्रशिक्षणार्थी अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा के 73वें रेगुलर बैच के अधिकारी हैं। कुल 133 अधिकारी उद्घान सत्र मे शामिल हुये।