धनबाद: जिले के तेतुलमुड़ी 22.12 बस्ती में बुधवार की शाम 6ः30 बजे एक अजीबोगरीब वाकया हुआ, जहां घनी आबादी के बीच स्थित इलाके की शान कही जाने वाली जामा मस्जिद के बरामदे में जोरदार आवाज के साथ विशालकाय गोफ बना और देखते ही देखते मस्जिद का सत्तर परसेंट हिस्सा जमीन में समा गया।
गोफ इतना विशाल था कि 50 फीट की मीनार सहित करीब छह लाख मूल्य की संपत्ति समा गई। घटना मगरिब की नमाज खत्म होने के ठीक 10 मिनट बाद हुई।
शुक्र रहा कि घटना के वक्त मस्जिद में कोई नहीं था। सभी मस्जिद के बाहर थे। मौलाना भी बाहर थे। घटना के बाद मोहल्ले में कोहराम मच गया। अनहोनी की आशंका से लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। मौके पर अफरातफरी का माहौल कायम हो गया।
डेढ़ घंटे बाद दोबारा मस्जिद का कुछ हिस्सा जमीन में समाया
अभी लोग कुछ समझ ही रहे थे कि तभी 8ः04 बजे मस्जिद का कुछ हिस्सा एक बार फिर जमीन में समा गया। चश्मदीदों की मानें तो अचानक जोरदार आवाज के साथ फिर गोफ बन गया और सब कुछ जमींदोज हो गया।
देखते ही देखते मस्जिद के पास लोग इकट्ठा हो गए। आक्रोशित लोग बीसीसीएल को कोसते हुए जमकर विरोध करने लगे। कुछ आक्रोशित लोगों ने गांव के बगल में संचालित आउटसोर्सिंग पैच के कार्य को बंद करा दिया।
घटना की सूचना पर जोगता थानेदार पंकज वर्मा सदल.बल पहुंचे और विधि व्यवस्था संभालने में जुट गए।
2013 में भी छोटी मस्जिद हुई थी जमींदोज
जामा मस्जिद के जमींदोज होने का यह मामला पहला नहीं है। बल्कि बस्ती की छोटी मस्जिद वर्ष 2013 में जमींदोज हो चुकी है। अब एक छोटा.सा गुंबद लोगों को सिर्फ उसकी याद दिलाता है।
साथ ही कई घर जमींदोज हो चुके हैं। पूरा इलाका दरारों से पटा है। सरकारी स्कूल को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। कई लोग खुद भय से इलाका छोड़कर दूसरी जगह चले गए हैं।
इस घटना के बाद बीसीसीएल ने भी अपने कर्मियों को अविलंब कंपनी आवास खाली करने का आदेश दिया था।
जरेडा व बीसीसीएल ने घोषित कर रखा है डेंजर जोन
बता दें कि तेतुलमुड़ी 22.12 बस्ती को जरेडा एवं बीसीसीएल ने डेंजर जोन घोषित कर रखा है। यहां 250 रैयत घर में करीब 2 हजार की आबादी रहती है। यह मस्जिद वर्ष 1981 में बनी थी।
फिलहाल गांव वालों ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से धाराशाई मस्जिद के चारों ओर घेराबंदी कर दी है। गांववाले अपने दरवाजे के समीप डर के साए में जमे हुए हैं।
क्या कहते हैं बीसीसीएल के सिजुआ एरिया जीएम
इस संबंध में बीसीसीएल के सिजुआ एरिया जीएम पीके दुबे ने कहा है कि गांववालों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। गांव वालों से वार्ता करके विस्थापन की समस्या का भी समाधान किया जाएगा।
हम चाहते हैं कि गांव वालों का सुरक्षित रूप से पुनर्वास हो जाए। इसके लिए प्रशासन से मदद लेंगे और हेडक्वार्टर से इस संबंध में बात करेंगे, ताकि समस्याओं का हल निकल जाए।