लंदन: तेल अवीव विश्व का सबसे महंगा शहर है। बुधवार को जारी सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) की आधिकारिक रैंकिंग में पांच पायदान की छलांग लगाकर इस शहर ने पहली बार पहला स्थान हासिल किया है।
पेरिस और सिंगापुर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे। इस सूची में ज्यूरिख तीसरे स्थान पर और हांगकांग पांचवें स्थान पर रहा।
न्यूयॉर्क छठे स्थान पर जबकि जिनेवा सातवें स्थान पर रहा। आठवें स्थान पर कोपेनहैगेन, नौवें पर लॉस एंजेलिस और दसवें पर जापान का ओसाका शहर है।
इस साल का डेटा अगस्त और सितंबर में एकत्र किया गया था, क्योंकि माल और वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई थी और यह दर्शाता है कि स्थानीय मुद्रा के संदर्भ में औसत कीमतों में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले पांच वर्षों में सबसे तेज मुद्रास्फीति दर दर्ज की गई।
ये रैंकिंग अमेरिकी डॉलर में कीमतों की तुलना के आधार पर जारी की गई
ये रैंकिंग वर्ल्ड वाइड होती है। इसमें दुनिया के वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स 173 शहरों में वस्तुओं और सेवाओं के लिए अमेरिकी डॉलर में कीमतों की तुलना के आधार पर जारी की गई है।
सीरिया की राजधानी दमिश्क को रहने के लिए सबसे सस्ता शहर बताया गया है। इसके बाद लीबिया का ट्राइपोलि, उज्बेकिस्तान का ताशकंद, ट्यूनीशिया का टुनिस, कजाकिस्तान का अल्माटी, पाकिस्तान का कराची, भारत का अहमदाबाद, अल्जीरिया का अलजीयर्स, अर्जेंटीना का ब्यूनस आयर्स और जाम्बिया का लुसाका शहर शामिल है।
अगस्त-सितंबर में लिया गया डेटा
रेटिंग जारी करते हुए बताया गया कि इस साल का डेटा अगस्त और सितंबर में लिया गया है। इस दौरान दुनियाभर में दैनिक वस्तुओं की कीमतों में 3।5% की वृद्धि देखी गई थी।
ये है रैंकिंग बढ़ने का कारण
तेल अवीव की रैंकिंग उसकी राष्ट्रीय मुद्रा, शेकेल का परिवहन और घरेलू समानों की कीमतों में वृद्धि के कारण मिली है। दूसरे स्थान पर पेरिस और सिंगापुर हैं। तीसरे नंबर पर ज्यूरिख और चौथे नंबर पर हांगकांग हैं। पांचवें नंबर पर न्यूयॉर्क और छठे नंबर पर जिनेवा है।