बीजिंग: विश्व ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम महासभा 11 दिसंबर को पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसका मुद्दा है पढ़ाई की क्रांति और उच्च शिक्षा में रूपांतरण।
इसमें उपस्थित प्रतिनिधियों के विचार में कोविड-19 महामारी के विश्व में फैलने की पृष्ठभूमि में विभिन्न देशों के विश्वविद्यालयों और ऑनलाइन शिक्षा मंचों को मिल-जुल कर विश्व के दायरे में व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम और ऑनलाइन शिक्षा के निर्माण को मजबूत करना चाहिये।
व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम का मतलब है बड़े पैमाने पर ऑनलाइन शिक्षा।
यानी इन्टरनेट प्लस शिक्षा की एक उपज है। व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम वर्ष 2012 से विश्व में लोकप्रिय बना।
अब वह उच्च शिक्षा के रूपांतरण को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण इंजन बन गया है।
चीनी शिक्षा मंत्री छेन बाओशेन ने महासभा में कहा कि हाल ही में चीन में व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम की कुल संख्या 34 हजार से अधिक हो चुकी है।
इसे पढ़ने वाले लोगों की संख्या 54 करोड़ तक पहुंच गयी।
चीन में व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम की संख्या और पैमाना विश्व में प्रथम स्थान पर है।
यूनेस्को की सहायक महानिदेशक स्टेफानिया जियानिनी ने वीडियो भाषण के दौरान चीन समेत विकासशील देशों में व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम शिक्षा के स्तर की पुष्टि की।
उनके अनुसार विकासशील देशों में व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम की संख्या निरंतर रूप से बढ़ रही है।
खास तौर पर बीते कई महीनों में यह गति और तेज हो गयी।
चीन के छिंगह्वा विश्वविद्यालय की ऑनलाइन शिक्षा और भारत के स्वयं में करोड़ों लोग सीख रहे हैं।
साथ ही शिक्षा देने की भाषाएं भी ज्यादा से ज्यादा समृद्ध बन गयीं। ताकि व्यापक लोगों को इसे सीखने का मौका मिल सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)