लोहरदगाः हत्या के एक मामले में लोहरदगा के दो अभियुक्तों मोफिल खान और मुबारक खान की मौत की सजा को 30 साल के आजीवन कारावास में बदल दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन.न्यायाधीशों की एक पीठ ने दोषियों की अपील पर शुक्रवार को फैसला सुनाया।
2014 के फैसले की समीक्षा का किया गया था आग्रह
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के अक्तूबर 2014 के फैसले की समीक्षा का आग्रह किया गया था, जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट ने 2009 में निचली अदालत द्वारा दोनों को सुनाई गई मौत की सजा को कायम रखा था।
यह है मामला
बता दें कि लोहरदगा के कुड़ू थाने के मकांदु के मोफिल और मुबारक को 2007 में हुई हत्या के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।
पीठ ने कहा, यह नहीं कहा जा सकता कि याचिकाकर्ताओं के सुधार की संभावना नहीं है।
हालांकि, संपत्ति विवाद में भाई के पूरे परिवार की सुनियोजित तरीके से हत्या को ध्यान में रख हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता 30 साल के लिए सजा के पात्र हैं।