रांची: रांची के सदर अस्पताल में शुक्रवार को लेजर विधि से पहली बार इलाज किया गया। सदर अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अजीत कुमार की टीम ने लेजर विधि से यह इलाज किया है।
डॉ अजीत कुमार ने बताया कि चुटिया निवासी 30 वर्षीय महिला सुनीता देवी पिछले कई वर्षो से रीढ़ के हड्डी के अंतिम छोर के पास से पानी आने की समस्या से परेशान थी।
इस समस्या से निदान पाने के लिए इस महिला ने कई जगह अपना इलाज करवाया लेकिन इस समस्या से छुटकारा नहीं मिला। कुछ दिनों पहले इस महिला ने सदर अस्पताल के सर्जरी ओपीडी में आकर उनको दिखाया।
उन्होंने जांच करने के बाद यह बताया कि महिला को पिलोनीडल साइनस है, जिसका इलाज दो तरह से संभव है। पहला चीरा लगा कर ऑपरेशन के द्वारा और दूसरा बिना चीरा के लेजर विधि के द्वारा।
उन्होंने बताया कि लेजर विधि के द्वारा इलाज बहुत सहज होता है। इसमें कोई चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती है और दाग बनने का भी खतरा नहीं होता है।
मरीज इलाज करवा कर उसी दिन अपने घर जा सकता है लेकिन समस्या यह है कि ये एक खर्चीला इलाज है। प्राइवेट अस्पतालों में इस इलाज पर 30 आए 35 हजार का खर्च आता है।
इस मरीज के लिए डॉ अजीत ने लेसोट्रोनिक्स कंपनी से बात कर लेजर मशीन मंगवा कर इस मरीज का इलाज निःशुल्क किया।
लेजर के द्वारा इलाज करने में दो-पांच मिनट का समय लगा और एक बूंद खून भी नही बहा। मरीज इलाज के बाद आराम से अपने घर चली गई।