जयपुर: राजस्थान में वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक घनश्याम तिवाड़ी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में घर वापसी हुई है। उन्होंने शनिवार को केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थाम लिया।
तिवाड़ी ने 2018 में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ मतभेदों के चलते भाजपा का दामन छोड़ दिया था और 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
तिवाड़ी भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सतीश पुनिया की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
तिवारी पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे के कड़े आलोचक रहे हैं।
उन्होंने राजे के साथ अपने मतभेदों के कारण ही 2018 में भाजपा छोड़ दी थी और अपनी पार्टी भारत वाहिनी बनाई और उसके बाद कांग्रेस से हाथ मिला लिया था।
तिवाड़ी हालांकि इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में सांगानेर निर्वाचन क्षेत्र से लड़े, मगर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे।
मार्च 2019 में तिवाड़ी पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए, जो एक रोड शो में भाग लेने के लिए जयपुर आए थे।
भाजपा के पूर्व नेता और कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र गोयल और जनार्दन गहलोत भी तिवाड़ी के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे।
भाजपा के करीबी सूत्रों ने खुलासा किया कि भगवा पार्टी राजस्थान में उन नेताओं को मनाने में लगी हुई है, जो वसुंधरा राजे और उनकी कार्यशैली से नाराज हैं।
दिवंगत दिग्गज नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह भी इसी तरह का कदम उठा सकते हैं।
उन्होंने भी वसुंधरा के साथ अपने मतभेदों के कारण भाजपा छोड़ दी थी।
मानवेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ने के बाद झालरापाटन निर्वाचन क्षेत्र से वसुंधरा के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।
अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह जल्द ही भाजपा में वापसी कर सकते हैं।